🔳 ग्रीष्मकाल में वनाग्नि की घटनाओं पर अंकुश को महसूस होने लगी जरुरत
🔳 जंगलों में आग पर काबू पाने को नैनीताल से बुलाना पड़ता है वाहन
🔳 वाहन के पहुंचने तक बड़े पैमाने पर हो जाता है नुकसान
🔳 विभिन्न संगठनों से जुड़े लोगों ने दो वाहनों की आवश्यकता पर दिया जोर
[[[[[[[[[ टीम तीखी नजर की रिपोर्ट ]]]]]]]]]
कोसी घाटी में ग्रीष्मकाल के दौरान वनाग्नि से निपटने को दमकल वाहन उपलब्ध कराने की मांग एक फिर जोर पकड़ने लगी है। वनाग्नि की घटनाओं पर काबू पाने को नैनीताल से वाहन कोसी घाटी पहुंचता है। कई किलोमीटर लंबी दूरी व जाम के कारण सेवा को पहुंचने में काफि समय लग जाता है तब तक हालात बिगड़ चुके होते हैं। विभिन्न राजनीतिक व गैर-राजनीतिक संगठनों से जुड़े लोगों ने बेतालघाट व गरमपानी में एक एक दमकल वाहन उपलब्ध कराए जाने पर जोर दिया है।
गर्मियों में कोसी घाटी के जंगल आग से स्वाहा हो जाते हैं। बेसकिमती वन संपदा के साथ ही मवेशियों का चारा भी जलकर नष्ट हो जाता है। कभी आग की लपटों के आबादी की ओर रुख कर जाने से हालात और ज्यादा बिगड़ जाते हैं। आग पर काबू पाने को जिला मुख्यालय नैनीताल से फायर ब्रिगेड की टीम कोसी घाटी पहुंचती है पर तब तक जंगलों का बड़ा हिस्सा आग की भेंट चढ़ चुका होता है। लगातार बढ़ती आग की घटनाओं के मद्देनजर भविष्य में जंगलों को आग से बचाने व आमजन की सुरक्षा को लेकर अब कोसी घाटी में दमकल स्टेशन स्थापित किए जाने की मांग भी तेज होने लगी है। तमाम गांवों के मध्य में स्थित ब्लॉक मुख्यालय बेतालघाट व अल्मोड़ा हल्द्वानी हाईवे पर स्थित गरमपानी क्षेत्र में एक एक दमकल वाहन की जरुरत महसूस होने लगी है। निवर्तमान ग्राम प्रधान शेखर दानी, तरुण कोहली, दयाल सिंह दरमाल, नवीन चंद्र, तारा भंडारी, गजेंद्र सिंह नेगी, विरेन्द्र सिंह बिष्ट, मनीष तिवारी के अनुसार बेतालघाट क्षेत्र में दमकल वाहन उपलब्ध होने से आसपास के क्षेत्रों में वनाग्नि पर नियंत्रण को त्वरित कार्रवाई की जा सकती है। आग के कारण होने वाली बड़ी घटनाओं को भी रोका जा सकता है जबकि गरमपानी क्षेत्र में भी वाहन उपलब्ध होने से बड़े हिस्से को कवर किया जा सकता है। यदि बेतालघाट व गरमपानी में एक एक वाहन उपलब्ध होगा तो वनाग्नि की घटनाओं को काफि हद तक रोका जा सकता है। विभिन्न संगठनों से जुड़े लोगों ने भी मांग को जायज ठहराया दोनों स्थानों पर दमकल वाहनों को जरुरी बताया है।