🔳समुचित बारिश न होने से सूखने के कगार पर पहुंचे पौधे
🔳विभिन्न सब्जियों व दलहनी उपज चौपट होने का खतरा
🔳पूर्व में ओलावृष्टि व तूफान फल उत्पादन पर कर चुका है चोट
🔳सब्जी उत्पादन प्रभावित होने से किसानों के माथे पर गहराई चिंता की लकीरें
{{{{ टीम तीखी नजर की रिपोर्ट}}}

मौसम के बदलते मिजाज से धरतीपुत्र परेशान हैं। रामगढ़ ब्लॉक के तमाम गांवों में सब्जियों की पैदावार प्रभावित हो गई है। किसानों के अनुसार समुचित बारिश न होने से खेतों में विभिन्न सब्जियों के पौधे सूखने के कगार पर पहुंच चुके हैं। लगातार नुकसान की मार झेलने से अब किसानों का खेतीबाड़ी से मोहभंग होने लगा है।
रामगढ़ ब्लॉक के हली, हरतपा, किमूपानी, तितोलि, पोखराधार, थानदेव, कूंणा समेत तमाम गांव फल व सब्जी उत्पादन में विशेष पहचान रखते हैं। पिछले कुछ वर्षों से मौसम के बदल रहे मिजाज का खामियाजा किसानों को भुगतना पड़ रहा है जिससे किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें गहरा गई है। पूर्व में ओलावृष्टि, आधी तूफान ने आड़ू, पूलम व खुमानी आदि फलों के उत्पादन को भारी नुकसान पहुंचाया। अभी फल उत्पादन में हुए नुकसान की भरपाई भी नहीं हो सकी थी की अब समुचित बारिश न होने से सब्जी उत्पादन को भी नुकसान पहुंचने लगा है। खेत में टमाटर, शिमला व हरी मिर्च, गोबी, बीन आदि के पौधे सूखने के कगार पर पहुंच गए हैं। खेतों की हालत देख किसान चिंतित हैं। पूर्व में फल उत्पादन घटने के बाद अब सब्जियों की पैदावार प्रभावित होने से कास्तकार परेशान हैं। स्थानीय किसान गोधन सिंह बिष्ट के अनुसार दलहनी उपज के चौपट होने का अंदेशा बढ़ता ही जा रहा है। गांवों के करीब तीन सौ से ज्यादा किसानों ने हाड़तोड़ मेहनत कर बुवाई की पर अब समुचित बारिश न होने से उपज बर्बाद होने लगी है। काश्तकार सोबन सिंह, नैन सिंह, राजन सिंह, बालम सिंह, मनोहर सिंह, नरेंद्र सिंह, विरेन्द्र सिंह, तुला सिंह, तेज सिंह आदि ने नुकसान का उचित मुआवजा दिए जाने की मांग उठाई है।