🔳बहुमंजिला इमारतों के निर्माण से भविष्य में बड़े खतरे का अंदेशा
🔳बेतरतीब निर्माण कार्यों की बाढ़ से बदलने लगा है क्षेत्र का भूगोल
🔳पवित्र शिप्रा नदी तक बेतरतीब निर्माण कार्यों की चपेट में
🔳महत्वपूर्ण हाइवे के दोनों ओर भी बेहिसाब निर्माण
🔳उठ रहा सवाल – आखिर कहां खो गए नियम
((( टीम तीखी नजर की रिपोर्ट)))
देश विदेश के श्रद्धालुओं के आस्था के केंद्र कैंची धाम के आसपास कंक्रीट का बड़ा जंगल तैयार होता जा रहा है। लगातार बन रही बहुमंजिला इमारतों से कहीं ना कहीं भविष्य में बड़ा खतरा सामने आने का भी अंदेशा है वही बहुमंजिला इमारत से प्रकृति की सुरम्य वादियों में बसे बाबा नीम करौरी के धाम का नजारा भी दिनों-दिन बदलने लगा है। मंदिर माला मिशन में शामिल होने के बावजूद कैंची धाम के आसपास धड़ल्ले से चल रहे निर्माण कार्यों से गंभीर सवाल भी खड़े होते जा रहे हैं।
अल्मोड़ा हल्द्वानी हाइवे पर स्थित सुप्रसिद्ध कैंची क्षेत्र में बेतरतीब निर्माण कार्यों की बाढ़ सी आ गई है। जहां एक ओर निर्माण कार्यों की जद में आकर पवित्र शिप्रा नदी कराह रही है वहीं मुख्य मंदिर के समीप से गुजर रहे हाइवे के आसपास बहुमंजिला निर्माण कार्य धड़ल्ले से जारी है। प्रकृति की सुरम्य वादियों में बसे सुप्रसिद्ध धाम के आसपास धड़ल्ले से किए जा रहे निर्माण कार्यों में मास्टर प्लान व प्राधिकरण के नियम भी दब गए हैं। मुनाफे के फेर में तैयार की जा रही बहुमंजिला इमारतों से भविष्य में खतरा मंडराने की आंशका भी है बावजूद जिम्मेदार आंखें मुंदें बैठे हैं। बीते एक वर्ष के अंतराल में ही कैंची धाम के आसपास निर्माण कार्यों की बाढ़ सी आ गई है। क्षेत्र में ड्रेनेज सिस्टम भी मजबूत नहीं है ऐसे में निर्माणाधीन बहुमंजिला इमारतों से भी पानी निकासी की व्यवस्था पर सवाल उठने लगे हैं। तमाम गांवों को जोड़ने वाले हली – हरतपा मोटर मार्ग तथा अल्मोड़ा हल्द्वानी हाइवे पर तल्ला कैंची क्षेत्र भी बेतरतीब निर्माण कार्यों की जद में हैं। बहरहाल रह रह कर सवाल उठ रहा है की आम आदमी को दो कमरे के निर्माण में नियम बताने वाले अफसर बहुमंजिला इमारतों के निर्माण की अनदेखी क्यों कर रहे है। मास्टर प्लान व प्राधिकरण के नियम भी यहां गुम हो गए है।