🔳 चार दिन की कड़ी मशक्कत के बाद बामुश्किल मिली सफलता
🔳 मूसलाधार बारिश से पहाड़ी से गिरे मलबे के कारण जगह जगह बंद था मार्ग
🔳 जिम्मेदारों की अनदेखी से ग्रामीणों ने खुद सड़क खोलने का लिया निर्णय
🔳 गांव की उपेक्षा किए जाने पर जताई गहरी नाराजगी
[[[[[[[[[[[[ टीम तीखी नजर की रिपोर्ट ]]]]]]]]]]]]
मूसलाधार बारिश के दौरान हुए भूस्खलन से बंद फडिका गांव की सड़क की सुध न लिए जाने से नाराज ग्रामीणों ने लगातार चार दिन तक कड़ी मशक्कत के दम पर चार स्थानों पर आए मलबे को हटाकर सड़क को आवाजाही लायक बना दिया। अभियान में गांव के करीब 46 महिला व पुरुषों ने भागीदारी की। तंत्र की बेरुखी से ग्रामीणों ने गहरी नाराजगी भी जताई। आरोप लगाया की जिम्मेदार अधिकारी गांव की उपेक्षा पर आमादा हो चुके हैं।
बेतालघाट ब्लॉक के सब्जी उत्पादक फडिका गांव को सड़क सुविधा से जोड़ने को मोटर मार्ग निर्माण तो कर दिया गया पर जिम्मेदार अधिकारियों की अनदेखी का खामियाजा गांव के ग्रामीण भुगत रहे हैं। हल्की सी बारिश में ही मोटर मार्ग से सटी पहाड़ी से भूस्खलन होने से मोटर मार्ग पर जगह जगह मलबा जमा होने से आवाजाही ठप हो जाती है। पूर्व में भी कई बार ग्रामीण चंदा एकत्र कर किराए पर लोडर मशीन बुलाकर मलबा हटाते आए हैं। बीते दिनों हुई मूसलाधार बारिश से एकबार फिर मोटर मार्ग के बंद हो जाने से इस बार ग्रामीणों ने खुद ही मोटर मार्ग खोलने का निर्णय लिया। प्रत्येक परिवार से दो दो सदस्यों को लेकर करीब 46 महिलाओं व पुरुषों ने मोटर मार्ग से मलबा हटाने का कार्य शुरु कर दिया। लगातार चार दिन तक सुबह से शाम तक कड़ी मशक्कत के बाद आखिरकार ग्रामीणों को सफलता मिल ही गई। गुरुवार को ग्रामीणों ने मोटर मार्ग को वाहनों की आवाजाही लायक तैयार कर दिया। ग्रामीणों ने आरोप लगाया की लगातार उपेक्षा की जा रही है। मोटर मार्ग को खोलने के लिए मशीन भेजने की मांग भी उठाई गई पर सुध ली गई। दो टूक चेतावनी भी दी की यदि समय रहते मोटर मार्ग की सुध नहीं ली गई तो आंदोलन की रणनीति तैयार की जाएगी। इस दौरान
ईश्वर सिंह, माधो सिंह, मोहन सिंह, पान सिंह, मदन सिंह, दान सिंह, बचे सिंह, पूरन सिंह, प्रताप सिंह, कुशल सिंह, मान सिंह, हरेंद्र सिंह, आनंद सिंह, गुसाई सिंह, भूपेंदर सिंह, कुंदन सिंह समेत करीब तीस महिलाओं ने सड़क से मलबा हटाने के कार्य में योगदान दिया।