🔳 आड़ू, पुलम व खुमानी के फूल ओलों से तहस नहस
🔳 मटर के पौधे भी क्षतिग्रस्त, खेतों में बिछी ओलों की सफेद चादर
🔳 उपज को नुकसान से काश्तकारों के माथे पर गहरी हुई चिंता की लकीरें
🔳 मौसम के बदले रुख से हैरत में आए किसान
🔳 स्थानीय लोगों ने नुकसान का सर्वे कर मुआवजे की उठाई मांग
[[[[[[[[[ टीम तीखी नजर की रिपोर्ट ]]]]]]]]]]]
मौसम के रुख बदलते ही बेतालघाट ब्लॉक के फल उत्पादक पट्टी तितोली गांव में किसानों को नुकसान उठाना पड़ा है। ओलावृष्टि ने आड़ू, पुलम व खुमानी के पेड़ों में लदे फूलों को तहस नहस कर डाला जबकि मटर के पौधों को भी खासा नुकसान पहुंचा दिया। सुबह जब किसान खेतों में पहुंचें तो खेतों की हालत देख मायूस हो गए। स्थानीय लोगों ने किसानों को हुए नुकसान का सर्वे कर उचित मुआवजा दिए जाने की मांग प्रशासन व उद्यान विभाग से की है।
लंबे समय से बारिश का इंतजार कर रहे किसानों की मेहनत पर एक बार फिर पानी फिर गया है। सिंचाई की समुचित व्यवस्था न होने से तमाम गांवों के लोग बारिश का लंबे समय से इंतजार कर रहे थे। आसमान में बादलों को देख कुछ उम्मीद बंधी पर महज बूंदाबांदी से किसानों को फिर निराश होना पड़ा पर समीपवर्ती फल उत्पादक पट्टी तितोली क्षेत्र में हुई जोरदार ओलावृष्टि ने किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें गहरी कर दी है। शुक्रवार सुबह जब किसान खेतों में पहुंचें तो खेतों में ओलों की सफेद चादर देख दंग रह गए। आड़ू, पुलम व खुमानी के पेड़ों से फूल टूटकर तहस नहस हो चुके थे जबकि मटर के पौधों को भी नुकसान पहुंचा है। पहले बारिश का इंतजार में खेती के प्रभावित होने और अब ओलावृष्टि से उपज को नुकसान पहुंचने से किसान निराश हैं। किसान महेंद्र सिंह बिष्ट, दिलीप सिंह, गजेंद्र सिंह, घनश्याम सिंह बिष्ट, बालम सिंह, जितेन्द्र सिंह के अनुसार भारी ओलावृष्टि से लगभग पच्चीस फिसदी से भी अधिक का नुकसान पहुंचा है। मटर के पौधे व फूल खेतों पर क्षतिग्रस्त हालत में है। ग्रामीणों ने किसानों को मुआवजा देने की पुरजोर मांग उठाई है।