◾ सीएचसी गरमपानी में रोजाना तीस से ज्यादा बच्चों की जांच
◾ अधिकांश वायरल फिवर की चपेट में आकर बिमार
◾ बाल रोग विशेषज्ञ ने किया विशेष एहतियात बरतने का आह्वान

((( टीम तीखी नजर की रिपोर्ट)))

बदलते मौसम के प्रभाव से नौनिहाल तेजी से वायरल फिवर की चपेट में आकर बिमार पड़ रहे हैं। सीएचसी गरमपानी में ही अकेले रोजाना तीस से ज्यादा बच्चों को लेकर स्वजन अस्पताल पहुंच रहे हैं। बाल रोग विशेषज्ञ डा. साक्षी भुड्डी ने इसकी पुष्टि की है। बाल रोग विशेषज्ञ के अनुसार बिमारी से बचाव को नौनिहालों के स्वजनों जानकारी उपलब्ध कराई जा रही है। समुचित दवाएं भी उपलब्ध है।
मौसम परिवर्तन बच्चों के स्वास्थ्य पर भारी पड़ रहा है। सर्दी, जुकाम, बुखार से पीड़ित नौनिहालों को लेकर स्वजन अस्पताल को रुख कर रहे हैं। सीएचसी गरमपानी में ही रोजाना तीस से ज्यादा बच्चे स्वास्थ्य जांच को पहुंचे रहे हैं। अधिकाश वायरल फिवर की चपेट में हैं। समीपवर्ती सीम, गरजोली, सिल्टोना, धनियाकोट, ब्यासी, मझेडा़, लोहाली, रातीघाट, बारगल, कफूल्टा, खैरना समेत दूर दराज के गांवों से लोग बच्चों को लेकर अस्पताल पहुंच रहे हैं। सीएचसी की बाल रोग विशेषज्ञ डा. साक्षी भुड्डी के अनुसार बदलते मौसम की चपेट में आकर बच्चे बिमार पड़ रहे हैं। समुचित दवाओं के साथ ही एहतियात बरतने तथा घरेलू नुस्खे भी बताए जा रहे हैं। बाल रोग विशेषज्ञ ने लापरवाही न बरतने का आह्वान भी लोगों से किया है।

खतरे के लक्षण

= 4-5 दिन तक तेज बुखार का बना रहना
= बिना बुखार के भी सुस्ती, निढाल पन बना रहना
= साँस लेने में तकलीफ होना
= बुखार के बिना भी तेज़ सिर दर्द बना रहना
= पेशाब कम होना
= भूख कम लगना

ऐसे करें बचाव

= पीने के पानी को उबला कर पिलाए
= गरमपानी की भाप
= मास्क का प्रयोग करें ताकी बच्चे को संक्रमण से बचाया जा सके
= झोलाछाप डॉक्टरो तथा मेडिकल स्टोर संचालकों की राय मशवरे से दवाई लेने से बचें। एंटीबायोटिक का इस्तेमाल भी ना करें
= हाथ अच्छे से धोए तथा मास्क का प्रयोग करें