◼️ रंग लाई धरतीपुत्रों की हाड़तोड़ मेहनत
◼️ कोरोना व आपदा की मार से निराश थे कुंजगढ़ घाटी के किसान
◼️फूलगोभी की बेहतर पैदावार से मिली राहत

((( टीम तीखी नजर की रिपोर्ट)))

कोरोना संकट तथा आपदा की मार झेलने के बाद आखिरकार कुंजगढ़ घाटी के किसानों की मेहनत रंग लाई है। फूलगोभी की बेहतर पैदावार से किसानों को राहत मिली है। उपज को बड़ी मंडियों तक भेज किसान बेहतर मूल्य पाकर खुश हैं।
दरअसल बीते दो वर्षो में कोरोना संकट तथा आपदा के चलते काश्तकारों को काफी नुकसान उठाना पड़ा। कुंजगढ़ घाटी के किसानों की काफी उपज खेतों में ही सड़कर बर्बाद हो गई। कोरोना से राहत मिली ही थी कि बीते अक्टूबर में मूसलाधार बारिश ने उपज को भारी नुकसान पहुंचा दिया। जगह-जगह भूस्खलन व नदी का प्रवाह बढ़ने से खेत रोखड़ में तब्दील हो गए। सब कुछ भुला कर किसानों ने एक बार फिर खेतों को रुख किया। हाड़ तोड़ मेहनत कर खेतों को दुरुस्त कर बुवाई की। आखिरकार धरतीपुत्रों की मेहनत रंग लाई। अब खेतों में फसल लहलहाने लगी है। कुंजगढ़ घाटी में फूल गोभी की बेहतर उपज से किसान खुश हैं। गांव की महिला किसान मीना देवी अब तक पांच हजार रुपये से अधिक की फूलगोभी बड़ी मंडियों तक भेज चुकी है। अन्य किसान भी फूलगोभी को बड़ी मंडियों तक भेज बेहतर मूल्य मिलने से खुश हैं। स्थानीय किसान सुनील मेहरा ने किसानों को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराए जाने की पुरजोर मांग उठाई है।