NEEMKAROLI BABA

मंदिर प्रबंधन ने किया श्रद्धालुओं से बाबा के अवश्य स्मरण का आह्वान
मुख्य मंदिर में सादगी के साथ होगा स्थापना दिवस
श्रद्धालु घर से ही करेंगे बाबा को याद

गरमपानी डेस्क : पहाड़ का कुंभ कहा जाने वाला ऐतिहासिक कैंची मेला इस बार भी न लगने से श्रद्धालु निराश जरूर है पर बाबा भक्त घर से ही बाबा को याद कर कोरोना संक्रमण के खात्मे को प्रार्थना करेंगे। मुख्य मंदिर में भी पूजा अर्चना व महाआरती के बाद भोग लगेगा। मंदिर समिति ने बाबा को अवश्य स्मरण का आह्वान श्रद्धालुओं से किया है।
कोरोना संकट के चलते बीते वर्ष से स्थापना दिवस पर पंद्रह जून को कैंची धाम में प्रतिवर्ष धूमधाम से लगने वाला ऐतिहासिक मेला स्थगित है। मंदिर में प्रवेश की अनुमति भी नहीं है। ऐसे में श्रद्धालु मुख्य मंदिर के गेट के समीप ही मत्था टेक बाबा को याद कर रहे हैं। दूसरे प्रदेशों व जनपदों से भी श्रद्धालु बाबा के द्वार मत्था टेकने पहुंच रहे हैं। पिछले वर्ष की भांति ही इस बार भी श्रद्धालु बाबा को घर से ही याद करेंगे। बाबा का स्मरण कर हनुमान चालीसा का पाठ होगा। मुख्य मंदिर में भी पूजा अर्चना के बाद महाआरती व भोग लगेगा। मंदिर प्रबंधन ने श्रद्धालुओं से बाबा के अवश्य स्मरण का आह्वान किया है। प्रबंधक विनोद जोशी ने कहा कि श्रद्धालु बाबा के अवश्य स्मरण के साथ कोरोना संक्रमण के खात्मे को प्रार्थना भी करें। साथ ही अगले वर्ष धूमधाम से स्थापना दिवस मनाए जाने को आशीर्वाद मांगे।

त्यौहार ही है पंद्रह जून

पंद्रह जून बाबा भक्तों के लिए त्यौहार से कम नहीं। बाबा भक्त दिनभर पूजा-अर्चना में जुटे रहते हैं। वहीं घरों में त्यौहार जैसा माहौल होता है। पिछले वर्ष से कोरोना संकट के कारण स्थापना दिवस पर मेला न लगने पर अब श्रद्धालु घर पर ही मालपुए तैयार कर बाबा को भोग लगाते हैं।क्षकई श्रद्धालु व्रत भी रखते हैं। बाबा को सच्चे मन से याद करने पर मनोकामना पूर्ण होती है।

विदेशी भी करते भागीदारी

पहाड़ का कुंभ कहे जाने वाले कैंची मेले में देश ही नहीं बल्कि विदेशों से भी श्रद्धालु उमड़ते। बाबा भक्त स्थापना दिवस से कई माह पूर्व ही मंदिर परिसर में कारसेवा जुट जाते। काफि पहले से तैयारियां शुरू हो जाती पर अब पिछले दो वर्षों से स्थापना दिवस बेहद सादगी से मनाया जा रहा है। कोरोना संकट के चलते बाबा की प्रतिमाएं, पुस्तक आदि भी चेन्नई से कैंची धाम नहीं पहुंच पा रही। व्यवसाई तिवारी गिरीश तिवारी व नरेश तिवारी के अनुसार बाबा से संबंधित सामग्री पहुंचने में काफी मुश्किल आ रही है। ऐसे में श्रद्धालुओं को भी पुस्तक आदि उपलब्ध नहीं हो रही। कर्फ्यू के चलते काफी सामग्री चेन्नई से आगे नहीं बढ़ रही। कर्फ्यू में ढील मिलने के बाद अब उम्मीद जगी है कि पुस्तकें व अन्य सामग्री जल्द ही चेन्नई से कैंची धाम पहुंच जाएंगी।