🔳 व्हील चेयर व बैसाखी के सहारे टेका बाबा के दर मत्था
🔳 प्रयागराज से पहुंचे अखिलेश तो राजस्थान से मुकेश
🔳 बोले – बाबा के दरबार पहुंचकर हुई सुखद अनुभूति
[[[[[[[[[ टीम तीखी नजर की रिपोर्ट ]]]]]]]]]]

बाबा के प्रति अगाध श्रद्धा व विश्वास ही जो सैकड़ों किलोमीटर दूर से बाबा भक्त कैंची धाम पहुंच रहे हैं। गंभीर बिमारी से जूझने के बावजूद कुछ श्रद्धालु ऐसे हैं की वो कैंची धाम पहुंचकर बाबा के दर पर शीश झुकाने पहुंच रहे हैं।
अल्मोड़ा हल्द्वानी हाईवे पर स्थित सुप्रसिद्ध कैंची धाम वाले बाबा नीम करौरी की महिमा अपरंपार है। देश विदेश से कैंची धाम पहुंचने वाले भक्त सिर्फ और सिर्फ बाबा के दर पर शीश झुकाने को आतुर है। सैकड़ों किलोमीटर दूर से पहुंचने वाले श्रद्धालुओं में बाबा के प्रति अगाध आस्था है। छोटे छोटे बच्चों व बुजुर्ग स्वजनों को लेकर पहुंचने वाले लोग उत्तराखंड पहुंचकर बाबा नीम करौरी के कैंची धाम पहुंचना नही भूलते। लंबे समय से नसों की बिमारी से जूझ रहे राजस्थान निवासी कारोबारी मुकेश अग्रवाल व्हीलचेयर पर ही जिंदगी बीता रहे हैं। अमेरिका तक में उपचार कराने के बाद भी जब स्वास्थ्य में सुधार नहीं हुआ तो इस वर्ष स्थापना दिवस पर मुकेश बाबा के दर पर शीश झुकाने पहुंचे हैं। वहीं प्रयागराज से अखिलेश पांडे भी कैंची धाम पहुंचे हैं। बैसाखी के सहारे बाबा के दर पर मत्था टेकने पहुंचे अखिलेश में भी गजब का उत्साह है। कहते हैं की नीम करौरी के दरबार पहुंचकर जिंदगी सफल हो गई है‌ अखिलेश के अनुसार अब वह प्रत्येक वर्ष कैंची धाम आएंगे।

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