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वर्ष 2010 में प्रत्येक न्याय पंचायत में बनाए गए थे अटल आदर्श गांव
सुविधाएं तो छोड़िए बोर्ड ही पाताललोक जाने को तैयार

गरमपानी : गांव के अंतिम छोर तक विकास योजनाओं को पहुंचाने का दावा करने वाली सरकार के दावे हकीकत में खोखले साबित हो रहे हैं। भाजपा शासनकाल में बनाए गए अटल आदर्श गांव आज भी सुविधाओं के लिए तरस रहे हैं। सरकार व उसके नुमाइंदों ने अटल आदर्श गांवों को भुला दिया है।

वर्ष 2010 में तत्कालीन भाजपा सरकार के मुखिया रमेश पोखरियाल निशंक ने प्रदेश के प्रत्येक न्याय पंचायतों में एक गांव को अटल आदर्श गांव घोषित किया। मकसद था गांव में सुविधाएं उपलब्ध हो सके। देश के प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर बने इन गांवो में हर तरह की सुविधाएं उपलब्ध कराने के साथ इन गांव को मॉडल गांव के रचप में विकसित किया जा सके। सड़क, अस्पताल, पशु चिकित्सालय, बैंक, पंचायत घर, सरकारी सस्ता गल्ला साधन सहकारी समिति दूरभाष, बैंकिंग, सिंचाई, माध्यमिक शिक्षा, मातृ शिशु कल्याण केंद्र, आंगनबाड़ी केंद्र, विद्युतीकरण आदि अन्य सुविधाओं से इन गांवो को लैस किया जाना था पर समय के साथ साथ सरकार व नुमाइंदे इन गांवों को भुलाते चले गए। अटल आदर्श गांव में लगे बोर्ड शोपीस बन चुके हैं। सुविधाओं का अकाल है। बेतालघाट ब्लॉक के छडा़ खैरना गांव में ही महत्वपूर्ण पंचायत घर खस्ताहाल है। छडा़ खैरना गांव का लगा अटल आदर्श गांव का बोर्ड भी पाताल लोक को जाने को तैयार है। छडा़ खैरना महत्वपूर्ण ग्राम पंचायत है। अटल आदर्श गांव होने के बावजूद सुविधाओं को तरस रहा है। क्षेत्रवासियों ने व्यवस्थाओं को दुरुस्त किए जाने की मांग उठाई है।