= पशु सेवा केंद्र में चिकित्सक व समुचित स्टाफ की तैनाती की उठाई मांग
= बमस्यू पशु सेवा केंद्र से बेहतर उपचार न मिलने का लगाया आरोप
= जल्द व्यवस्था में सुधार न करने पर आंदोलन का ऐलान

(((विरेन्द्र बिष्ट/फिरोज अहमद/सुनील मेहरा की रिपोर्ट)))

करीब ढाई हजार से भी ज्यादा पशुपालकों की सुविधा प्रश्न के पशुओं के उपचार के लिए रानीखेत खैरना स्टेट हाईवे पर बमस्यू में बने पशु सेवा केंद्र से सुविधा ना मिलने से ग्रामीणों ने रोष जताया। नारेबाजी कर उपेक्षा का आरोप लगाया। दो टूक चेतावनी दी कि यदि जल्द समुचित स्टाफ व स्थाई चिकित्सक की तैनाती नहीं की गई तो फिर आंदोलन तेज किया जाएगा।
स्टेट हाईवे पर वर्षों पूर्व बमस्यू क्षेत्र में पशु सेवा केंद्र स्थापित किया गया। मकसद था कि आसपास के गांवों के पशुपालकों के पशुओं को गांव के समीप ही बेहतर उपचार दिलाया जा सके। बजोल, बमस्यू गांव के साथ ही डौरब, बजीना, खुशहालकोट, कोटखुशाल, तल्ला व मल्ला पातली, टूनाकोट, सुखोली, कनार, खुडौली के करीब ढाई हजार से ज्यादा पशुपालक इसी पशु सेवा केंद्र पर निर्भर है। आरोप है कि पशुपालकों को लाभ नहीं मिल रहा। स्थाई पशु चिकित्सक की तैनाती न होने से पशुपालकों को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। खेती-बाड़ी चौपट होने के बाद अब पशुपालन ही एकमात्र आय का जरिया रह गया है पर पशुओं को बेहतर उपचार न मिलने से कई पशु दम तोड़ देते हैं। ऐसे में पशुपालकों को नुकसान उठाना पड़ता है। सोमवार को ग्रामीणों ने बंद पड़े पशु सेवा केंद्र के मुख्य गेट पर नारेबाजी कर रोष जताया। समुचित स्टाफ व स्थाई पशु चिकित्सक की मांग उठाई। दो टूक चेताया कि यदि उपेक्षा की गई तो फिर आंदोलन तेज किया जाएगा। इस दौरान श्याम सिंह, तेज सिंह, भवानी राम, सोनू सती, कमल मेहरा, मोहन सिंह, खुशाल सिंह, केशव राम, हेमा नेगी, पुष्पा देवी, शोभा देवी, कविता देवी, कमला देवी आदि मौजूद रहे।