= मामला बना रहा चर्चा का विषय
= युवाओं ने दूसरे गांव के वाहन को बमुश्किल निकाला

((((हरीश चंद्र/फिरोज अहमद/पंकज नेगी की रिपोर्ट))))

आपदा से निपटने के बाद भी लोगो की मुश्किलें कम होने का नाम नही ले रही। बेतालघाट ब्लाक के जाख चौरसा गांव समेत तमाम गांवो को जोड़ने वाले रातीघाट जाख बुधलाकोट मार्ग बंद होने से वाहन गांव में फंसे है। विभागीय उपेक्षा से आहत अब ग्रामीण खुद ही वाहनों को निकालने के लिए आगे आए हैं। करीब दो किलोमीटर नदी के रास्ते वाहन हाईवे तक पहुंचाया जा सका।

बीते दिनों हुई मूसलाधार बारिश के बाद उठे जल प्रलय से जगह-जगह मोटर मार्ग ध्वस्त हो गए। रातीघाट जाख बुधलाकोट मोटर मार्ग भी ध्वस्त हो गया जिस कारण गांवो को आवाजाही करने वाले वाहन गांव में ही फंस गए। बुधवार को चौरसा,जाख, पाडली के युवाओं ने गांव में फंसे एक वाहन को करीब दो किलोमीटर नदी के किनारे किनारे रामगाढ़ तक पहुंचाया।

रामगाढ़ पर शिप्रा नदी पर अस्थाई मार्ग बनाकर शिप्रा नदी से वाहन पार लगाया गया। इस दौरान लोगों में गहरा रोष भी व्याप्त रहा। ग्रामीणों ने विभाग पर उपेक्षा का आरोप लगाया कहा कि आपदा को काफी समय बीतने के बावजूद मोटर मार्ग पर यातायात सुचारू नहीं किया जा सका है जिससे रोजमर्रा की जरूरतों की चीजें बाधित हो गई हैं वहीं आपातकालीन स्थिति में भी खतरा बना हुआ है। करीब दो किलोमीटर वाहन को नदी के नदी के रास्ते लाए जाने का मामला चर्चा का विषय बना रहा। दीपक बिष्ट, दीपक नेगी, नर सिंह बिष्ट, गणेश बोहरा, हरीश बोहरा, राजू बोहरा, कमल राणा, नवीन चंद पांडे आदि जुटे रहे