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= बहुउद्देशीय साधन सहकारी समिति चापड़ से कुछ राजस्व गांवों को अलग करने पर भड़का असंतोष
= नारेबाजी कर सदस्यों ने जताई नाराजगी
= सीएम को भेजा हस्ताक्षर युक्त ज्ञापन

(((सुनील मेहरा/हरीश चंद्र/महेंद्र कनवाल की रिपोर्ट)))

बेतालघाट स्थित साधन सहकारी समिति चापड़ से कुछ राजस्व गांवों को हटाकर नए समिति का गठन किए जाने से लोगों का पारा चढ़ गया है। नारेबाजी कर रोष जताया। बाद में प्रदेश के सीएम को ज्ञापन भी भेजा। इसे समिति को कमजोर करने की साजिश करार दिया।
प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को भेजे पत्र में साधन सहकारी समिति से जुड़े किसानों व सदस्यों ने कहा है कि साधन सहकारी समिति चापड़ से कुछ राजस्व गांवो को हटाकर नए समिति का गठन करने का प्रयास किया जा रहा है जो निंदनीय है। पूर्व से ही साधन सहकारी समिति चापड़ से आसपास के तमाम गांव जुड़े हुए हैं। किसान लगातार लाभान्वित हो रहे हैं। राज्य सरकार की कल्याणकारी योजनाओं से किसानों को लाभ दिया जा रहा है। पर अब कुछ राजस्व गांवों को हटाकर नई समिति का गठन करने का कुचक्र रचा जा रहा है जो निंदनीय है। कहा है कि यदि राजस्व गांवों को हटाकर नई समिति का गठन किया गया तो गांवों के लोग आंदोलन को विवश होगे। मामले से लोगों को बांटने तथा समिति को कमजोर करने का भी आरोप लगाया। ज्ञापन में बालम सिंह, किशन सिंह, पान सिंह, भीम सिंह, शेखर दानी, बंशीधर के केदार दत्त, हयात सिंह, हयात सिंह, लीलाधर, ईश्वर सिंह, चंद्र शेखर, गिरीश चंद्र, भैरव दत्त, उमेश चंद्र, दान सिंह, त्रिलोक राम, रमेश चंद्र, भुवन चंद्र, दिनेश चंद्र आदि के हस्ताक्षर है।