= पाडली की बीमार पहाड़ी के उपचार को कवायद तेज
= यातायात प्रभावित ना हो इसके लिए लिया गया निर्णय
= इंजीनियरों ने किया सर्वे जल्द शुरू होगा कार्य
= 21 करोड़ रुपये की लागत से नए स्वरुप में आऐगी पहाडी़

(((हरीश चंद्र/दलिप सिंह नेगी/फिरोज अहमद की रिपोर्ट)))

अल्मोड़ा हल्द्वानी हाईवे हाईवे पर खतरनाक पाडली की पहाड़ी से खतरा हटाने को जापानी तकनीक से होने वाले सुरक्षात्मक कार्य का रोडमैप तैयार हो गया है। पहले चरण में पाडली क्षेत्र में करीब 125 मीटर लंबाई में हाईवे का एलाइनमेंट बदल दिया जाएगा ताकि आवाजाही सुचारू रहे । इसके लिए इंजीनियरों की टीम में बकायदा सर्वे भी पूरा कर लिया है। लगभग 21 करोड़ रुपये की लागत से जापानी विशेषज्ञो की निगरानी में कार्य शुरू होगा।

हाईवे पर पाडली की बीमार पहाड़ी के इलाज को जापानी व भारतीय इंजीनियरों तथा एनएच व जायका के अधिकारियों व कार्यदाई संस्था के इंजीनियरों की कई दौर की बैठकों के बाद अब काफी हद तक तस्वीर साफ हो गई है। मंगलवार को कार्यदाई संस्था एमएफ भुमि जिओ टेक प्राइवेट लिमिटेड के इंजीनियरों ने पाडली की पहाड़ी से नीचे निकलने वाले हाईवे को करीब 125 मीटर लंबाई में एलाइनमेंट बदले पर चर्चा की। कई बिंदुओं पर विस्तार से बातचीत हुई। बाकायदा प्रस्ताव बनाकर एनएच विभाग को भी भेज दिया गया है। करीब 21 करोड़ की लागत से खतरा टाल पहाड़ी को नया स्वरूप दिया जाएगा। सके लिए विभिन्न चरणों में कार्य होगा। निरीक्षण टीम में प्रोजेक्ट इंजीनियर राजेश कुमार, साइट इंजीनियर साहिल कुमार, एसएस खान, मिथुन दास आदि मौजूद रहे।

जापानी इंजीनियरों की देखरेख में ही होगा कार्य

जापानी तकनीक वैज्ञानिकों की देखरेख में होने वाले कार्य तीन चरणों में होगा। पहले चरण में पहाड़ी पर सीमेंट की जाल नुमा चट्टान तैयार की जाएगी दूसरे चरण में मजबूत चट्टान तक करीब 40 से 50 मीटर गहराई तक लोहे के एंगल फिट होंगे। अंतिम चरण में सुरक्षा दीवार तथा हाइड्रोस्टेटिक तकनीक से पहाड़ी पर खाद तथा पानी का संयुक्त स्प्रे कर बीज का छिड़काव किया जाएगा। ऐसी घास की पैदावार की जाएगी जो पहाड़ी पर फैलती चली जाए।

दो वर्षों तक चलेगा खतरा टालने का कार्य

कार्यदायी संस्था की इंजीनियरों के अनुसार खतरा टालने का कार्य करीब दो वर्षों तक चलेगा। बताया कि कंपनी ने जापान से एक वैज्ञानिक को अधिकृत किया है जबकि जायका विभाग की ओर से भी एक जापानी इंजीनियर अधिकृत किया गया है।बकायदा ऋषिकेश भी पहुंच गया है। जो जल्द ही पाडली पहुंचेंगे।