🔳बूंद बूंद पानी के लिए दूर दराज रुख करना बना मजबूरी
🔳वाहन बुक कराकर दूर दराज से ढो रहे पानी
🔳बारिश न होने से प्राकृतिक जल स्रोत भी सूखने के कगार पर पहुंचे
🔳मंडलकोट गांव में बूंद पानी को मचा हाहाकार
🔳टैंकरों के जरिए पेयजल आपूर्ति किए जाने की उठी मांग
((( टीम तीखी नजर की रिपोर्ट)))
समीपवर्ती मंडलकोट गांव में बूंद बूंद पानी को हाहाकार मच गया है। पेयजल संकट गहराने से गांव के बाशिंदे वाहनों के जरिए दूर दराज से पानी ढोने को मजबूर हो चुके हैं। गांव के नजदीक प्राकृतिक जल स्रोत भी सूखने के कगार पर पहुंच गया है। ग्रामीणों ने टैंकरों के जरिए गांव में पेयजल आपूर्ति की पुरजोर मांग उठाई है। अनदेखी पर आंदोलन की चेतावनी दी है।
पहाड़ के गांवों में सुविधाओं के साथ ही अब बूंद बूंद पानी का भी अकाल पड़ गया है। मूलभूत जरुरतों के लिए तरस रहे ग्रामीण अब पीने के पानी तक को मोहताज हो गए हैं। बारिश न होने प्राकृतिक जल स्रोत भी सूखते जा रहे हैं। समीपवर्ती मंडलकोट गांव में भी हालात विकट है। गांव के नजदीक प्राकृतिक जल स्रोत में पानी कम होने से गांव के करीब पचास से ज्यादा परिवार परेशान हैं। बूंद बूंद पानी को मोहताज हो चुके गांव के बाशिंदे वाहनों में किराया खर्च कर दूरदराज से पानी ढोने को मजबूर हो चुके हैं। हालात बिगड़ने से ग्रामीण परेशान हैं पर सुधलेवा कोई नहीं है। गर्मियों की शुरुआत में ही गांव में पानी को हाहाकार मच गया है जबकि अभी ग्रीष्मकाल के दो से तीन महिने शेष है। गांवों के सुविधा विहीन होने के बाद अब पानी के संकट ने गांव के बाशिंदों को मायूस कर दिया है। स्थानीय लोगों के अनुसार पेयजल के लिए भी संघर्ष करना पड़ रहा है। गांव के राम सिंह, देवेन्द्र सिंह, कुन्दन सिंह, बचें सिंह, रणजीत सिंह बिष्ट, पान सिंह, मोहन सिंह, देव सिंह, गोधन सिंह, पूरन सिंह, प्रेमा देवी, मीना देवी, चम्पा देवी, कमला देवी, कौशल्या देवी आदि ने टैंकरों के जरिए पेयजल आपूर्ति किए जाने की पुरजोर मांग उठाई है।