= हरे भरे पेड़ों की बलि दे जंगल में तैयार हो रहे तख्ते बल्ली
= जंगल में बड़े पैमाने पर चल रहा खेल
= काले कारोबार पर डाली जा रही काली पन्नी
(((विरेन्द्र बिष्ट/फिरोज अहमद/सुनील मेहरा की रिपोर्ट)))
थुआ का जंगल अवैध लकड़ी तस्करी का गढ़ बन गया है। बकायदा अब जंगल में ही लकड़ी के स्लीपर तैयार कर तस्करी की जा रही है बावजूद जिम्मेदार आंखें मूंदे बैठे हैं। थुआ के जंगल से बड़े पैमाने पर हो रही तस्करी से बड़े सवाल खड़े हो रहे हैं। जंगल में पेड़ों का अंधाधुंध कटान कर लकडी़ तैयार कर छुपा के रखे गए हैं मौका लगते ही तस्कर अवैध लकड़ी को ठिकाने लगा रहे है।
भवाली रेंज के अंतर्गत थुवा का जंगल लकड़ी की अवैध तस्करी के लिए कुख्यात हो गया है। धड़ल्ले से दिनदहाड़े ही जंगल में अधाधुंध पेड़ कटान कर तख्ते बल्ली तैयार किए जा रहे हैं। बकायदा जंगल में उन्हें काली प्लास्टिक से ढक कर रखा जा रहा है मौका लगते ही तस्कर वाहनों के माध्यम से जंगल से काटे गए दरख्त से बनाई गई अवैध लकड़ी को जहां-तहां ठिकाने लगा रहे हैं। आरोप है कि तस्कर बिल्डरों से सांठगांठ कर लकड़ी जहां तहां पहुंचा रहे हैं। बेतालघाट ब्लॉक के ताडी़खेत क्षेत्र से सटा थुआ का जंगल इसका जीता जागता उदाहरण बन चुका है। बकायदा जंगल में तख्ते व बल्ली प्लास्टिक की काली पन्नी से ढक कर रखे गए हैं। आरोप है कि अवैध तख्ते बल्ली को तस्कर घोड़ों के माध्यम से थुआ लोहाली मोटर मार्ग तक पहुंचा रहे हैं जहां से फिर वाहनों में लोड कर अन्यत्र भेजा जा रहा है। जंगल में अधाधुंध हो रहे कटान को लेकर ग्रामीणों में गहरा रोष व्याप्त है साथ ही वन विभाग की भूमिका पर भी बड़े सवाल खड़े किए हैं। मामले में कार्रवाई की मांग भी उठी है। इधर वन क्षेत्राधिकारी मुकुल शर्मा ने जल्द कार्रवाई का दावा किया है। रेंजर मुकुल शर्मा के अनुसार लकड़ी तस्करों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी कहा कि जंगल में टीम रवाना कर दी गई है।