= बिल्डरों को लाभ पहुंचाने के मकसद से ताक पर रखकर जा रहे नियम कानून
= गांव के लोग सड़क सुविधा को रहे तरस, भू माफिया मनमाने ढंग से बना रहे सड़के

((( टीम तीखी नजर की रिपोर्ट)))

जहां एक ओर गांवों के लोग आज भी सड़क सुविधा से वंचित हैं तो वहीं तमाम क्षेत्रों में बिल्डरों को लाभ पहुंचाने के मकसद से जंगलों का सीना चीर सड़क निर्माण किया जा रहा है। बेतरतीब ढंग से खदान किए जाने से भूस्खलन का खतरा भी बढ़ने की संभावना है रह-रहकर सवाल उठ रहा है कि आखिर किसकी शह पर मिलीभगत कर बगैर अनुमति जंगलों को चीर सड़क निर्माण किया जा रहा है क्या बिल्डरों के लिए नियम कानून मायने नहीं रखते।
शांत समझे जाने वाले गांवो के आसपास बिल्डरो सक्रिय होने के साथ साथ अब मनमानी पर उतारू हो चुके हैं। रुपसिंह धूरा, हरतोला, नथुआखान, मोना, सतोली इसकी बानगी भर है। मनमाने ढंग से रातो रात रोड निर्माण किया जा रहा है। बगैर वन विभाग व प्रशासन की अनुमति से रोड काटे जाने से लोगों में भारी नाराजगी है आरोप लगाया है कि गांवो के लिए सड़क निर्माण में वर्षों लग जा रहे हैं वन विभाग भी तमाम आपत्तियां खड़े कर देता है पर बिल्डरों के लिए कोई आपत्ति नहीं है। मिलीभगत से बिल्डर हरी-भरी पहाड़ियों का सीना चीर सड़क तैयार कर दे रहे। लोगों ने अवैध ढंग से काटी गई सड़को की जांच की मांग उठाई है।