तीखी नजर की तीखी रिपोर्ट

सिंचाई नहर में पानी न आने से परेशान है किसान
फसल की बुवाई हो रही प्रभावित
हैरान कर देने वाला है एई का जवाब

गरमपानी डेस्क: बेतालघाट विकासखंड में भी विभागों के हाल अजब गजब है। बीते दो माह से भी अधिक समय से तमाम गांव के किसान सिंचाई के पानी को तरस रहे है। ग्रामीण कई बार आवाज उठा चुके हैं पर कोई सुनवाई नहीं हो रही। जानकारी लेने पर सहायक अभियंता गणेश पांडे उल्टा शिकायत करने वाले को सामने लाने की बात कह रहे हैं। जबकि अधिशासी अभियंता एचसी सिंह ने किसानो को अन्नदाता करार दे जल्द व्यवस्था में सुधार की बात कही है।
बीते वर्ष लॉकडाउन ने किसानों को काफी नुकसान किया अब की बार कोरोना कर्फ्यू , बेमौसमी बारिश, ओलावृष्टि ने किसानों के सपने चकनाचूर कर दिए। अब बचीकुची कसर विभागीय अधिकारी पूरी कर रहे हैं। सिंचाई विभाग का हाल भी अजब गजब है। कोसी नदी से बेतालघाट ब्लाक के तिवारीगांव, शेरा, टंगूयूडा, हरचोनौली, तल्लीपाली, तल्लागांव, दंडेसारी आदि गांवों को सिंचाई के लिए वर्षों पूर्व नहर बनाई गई। अब हालात यह है की किसानों को पानी ही नहीं मिल रहा जिस कारण किसान परेशान है। नहर में जगह-जगह मलबा भरा पड़ा है। जिस कारण पानी खेतों तक नहीं पहुंच रहा। स्थानीय जीवन बोहरा, पान सिंह, किशन खंडूरी, प्रभात बोहरा, दीपू बोहरा, विक्की बोहरा, जीवन खंडूरी, विजय खंडूरी आदि ने व्यवस्था में सुधार की मांग उठाई। मामले को लेकर दूरभाष पर सिंचाई विभाग के सहायक अभियंता गणेश पांडे से संपर्क साधा गया तो सहायक अभियंता गणेश पांडे बोले की शिकायत करने वाले को सामने लेकर आओ। दस दिन से पानी बंद है ना कि दो महीने से। कहा कि शिकायत करने वाले बच्चे हैं। वहीं जब अधिशासी अभियंता हरिश्चंद्र सिंह से संपर्क साधा गया तो उन्होंने किसानों को अन्नदाता करार दे जल्द नहर में पानी की आपूर्ति सुचारू करने का दावा किया। सवाल उठ रहा है कि आखिर क्यों किसानों के साथ सौतेला रवैया अपनाया जा रहा है। किसानों की आय दोगुनी करने वाली का दावा करने वाली सरकार के मताहत क्यों सरकार के दावों की हवा निकाल रहे हैं। सहायक अभियंता के बयान से लोगों में भी गहरा रोष व्याप्त है।