◾ पंचायत प्रतिनिधियों ने उठाई कार्रवाई की मांग
◾ खेतों में फसल को चट कर जा रहे आवारा मवेशी
((( टीम तीखी नजर की रिपोर्ट)))
शांत ग्रामीण सड़कों पर मवेशियों को आवारा छोड़ने से पंचायत प्रतिनिधियों ने नाराजगी जताई है। आरोप लगाया है की मवेशी खेतों में फसल को बर्बाद कर दे रहे हैं जिस कारण किसानों को नुकसान उठाना पड़ रहा है। पंचायत प्रतिनिधियों ने मवेशियों को आवारा छोड़ने वालों पर कार्रवाई की मांग उठाई है।
पहाड़ के किसान आए दिन नई नई समस्याओं से जूझ रहे हैं। पहले ही कोरोनाकाल व आपदा में नुकसान उठाने के बाद मौसम की बेरुखी व जंगली जानवरों का आंतक भारी पड़ रहा है अब आवारा मवेशी खेतों में उपज को बर्बाद कर दे रहे हैं। आरोप है की पहले मुख्य सड़कों पर मवेशियों को छोडा़ जाता था पर विरोध बढ़ने पर अब गांवों की शांत सड़कों पर मवेशियों को छोड़ दिया जा रहा है। आवारा मवेशी सीधे खेतों को रुख कर रहे हैं। हाड़तोड़ मेहनत से तैयार खेतों को पलभर में ही बर्बाद कर दे रहे हैं जिस कारण किसानों को चोतरफा नुकसान उठाना पड़ रहा है। आवारा पशुओं से स्कूली बच्चों पर भी खतरा मंडरा रहा है। कभी भी बढ़ीं घटना का अंदेशा बना हुआ है। रातीघाट, घूना, कैंची, हरतपा आदि क्षेत्रों में इन दिनों एकाएक आवारा मवेशियों की अधिकता बढ़ गई है। ग्राम प्रधान हरतपा विमला रौतेला, प्रधान कैंची पंकज निगलटिया, बीडीसी रुची आर्या, नैन सिंह बिष्ट, दीवान सिंह बिष्ट, विरेंद्र सिंह बिष्ट, हरीश चंद्र आदि ने मवेशियों को आवारा छोड़ने वालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग उठाई है।