नियमों को ताक पर रख उड़ाई जा रही धज्जियां
हवा में उड़ रहे विभाग के दावे
कोसी नदी में महाशीर व रोहू मछली के अस्तित्व पर भी गहराया संकट
((( तीखी नजर की ग्राउंड जीरो रिपोर्ट)))
गरमपानी : अल्मोड़ा भवाली राष्ट्रीय राजमार्ग पर चल रहे चौड़ीकरण कार्य का मलवा धड़ल्ले से कोसी नदी में फेंका जा रहा है ऐसे में भविष्य में बड़ी घटना के सामने आने की आशंका बनी हुई है वहीं नदी क्षेत्र में पाई जाने वाली रोहू व महाशीर मछली के अस्तित्व पर भी संकट के बादल मंडराने लगे है।
काकडीघाट से क्वारब तक दस किलोमीटर दायरे में राष्ट्रीय राजमार्ग के चौड़ीकरण का कार्य किया जा रहा है। चौड़ीकरण के कार्य में नियमानुसार नदी में मालवा डालने पर मनाही है। इसके लिए पहले ही संबंधित विभाग ने तैयारी कर ली थी पर विभागीय दावों की धज्जियां उड़ गई है धड़ल्ले से जगह-जगह नदी क्षेत्र में मलवा डाला जा रहा है। जिससे भविष्य में संकट खड़ा हो सकता है बाढ़ आने पर अस्थाई डैम बनने की भी आशंका है वहीं कोसी नदी में डाले जा रहे मलबे से नदी में पाई जाने वाली रोहू व महाशीर मछली का अस्तित्व भी संकट में आ गया है। ग्रामीणों का कहना है कि आगे जाकर कोसी नदी से कई पेयजल व सिंचाई योजनाएं हैं और इधर नदी क्षेत्र में धड़ल्ले से मलवा डाला जा रहा है जिसका आगे जाकर बड़ा असर होगा कहीं ना कहीं मिट्टी जाने से सिंचाई व पंपिंग योजनाएं बैठ सकती हैं। लोगों ने कोसी नदी पर मलबा डालने जाने पर रोक लगाने की मांग की है दो टूक चेतावनी दी है कि यदि जल्द मलवा डालने पर रोक नहीं लगाई गई तो संबंधित विभाग के खिलाफ आंदोलन की रणनीति तैयार कर दी जाएगी।
तबाही मचा सकता है बरसाती नाला
राष्ट्रीय राजमार्ग विभाग बड़े-बड़े दावे करता रहा पर नियमों की खुलेआम धज्जियां उड़ती चली जा रही है। नदी क्षेत्र में मलवा डाल नियमों को खत्म कर दिया जा रहा है कहीं कहीं दिखाने के लिए जाल बनाए जा रहे हैं जो नाकाफी साबित हो रहे हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि कई जगह दिखाने भर के लिए जाल लगाए गए हैं वही व्यापारी नेता मदन सुयाल ने आरोप लगाया है कि सुयालखेत के समीप बरसाती नाले पर मलवा डाल दिया गया है। बारिश होने पर बरसाती नाला उफान पर आया तो तबाही मचा सकता है।