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नियमों के खिलाफ है विभागों में निजी वाहन का संचालन
आरटीओ बोले – पता लगाएंगे कौन कौन से विभाग में कहां-कहां लगे हैं निजी वाहन

गरमपानी डेस्क : सरकारी विभागों में इस्तेमाल किए जा रहे प्राइवेट वाहन नियमों के खिलाफ है। नियमानुसार सरकारी विभागों में चलने वाले वाहन वाहन टैक्सी रजिस्टर्ड होने चाहिए। बकायदा आरटीओ ने भी बात स्वीकारी है। कहा है कि पता लगाएंगे कि जनपद भर में कितने विभागों में प्राइवेट वाहन संचालित किए जा रहे हैं।

प्रदेश भर में स्थित कई विभागों के पास अपने वाहन हैं पर कई विभाग ऐसे भी हैं जो किराए पर वाहन संचालित करते हैं। अधिकारियों तथा कर्मचारियों के विभागीय कार्यों के चलते इधर उधर जाने के लिए निविदा प्रक्रिया निकाल वाहन विभागों में लगाए जाते हैं। एक नहीं बल्कि सभी विभागों में यह व्यवस्था है पर कई विभाग प्राइवेट वाहनों को सरकारी कार्यों में इस्तेमाल करते हैं। बकायदा सरकारी कोष से उनके लिए पैसा भी अवमुक्त किया जाता है। जो नियम विरुद्ध है। परिवहन विभाग की मानें तो विभागों में टैक्सी रजिस्टर्ड वाहन ही संचालित होने चाहिए। निजी वाहनों का संचालन नियमानुसार गलत है। कई विभागों में अधिकारी कर्मचारी अपने अपने परिचित व नाते रिश्तेदारों के ही वाहन विभागो में संचालित कर लाभ उठाते हैं। निजी वाहनों का संचालन सरकारी विभाग में एकदम नियम विरुद्ध है। सरकारी विभागों में निजी वाहनों का संचालन करने से सरकार को भी राजस्व का चूना लग रहा है बावजूद तमाम विभाग धड़ल्ले से निजी वाहनों का इस्तेमाल सरकारी कार्यों में कर रहे हैं।

विभाग में यदि वाहन संचालित किया जा रहा है तो नियमानुसार टैक्सी वाहन रजिस्टर्ड होना चाहिए। पता लगाया जाएगा कितने विभागों में निजी वाहन संचालित है। कहां-कहां वाहन संचालित किए जा रहे हैं।

राजीव मेहरा, आरटीओ।