= चार महीने से झेल रहे पेयजल संकट
= ग्रामीणों का चढ़ रहा पारा, विभाग पर लगाया उपेक्षा का आरोप
= जल्द व्यवस्था में सुधार न होने पर आंदोलन का ऐलान
(((कुबेर सिंह जीना/अंकित सुयाल/मनीष कर्नाटक की रिपोर्ट)))
रामगढ़ ब्लॉक के तमाम गांवो में पीने के पानी को हाहाकार मचा हुआ है। करीब छह सौ से ज्यादा परिवारों को बूंद बूंद पानी के लिए दूरदराज रुख करना पड़ रहा है। उपेक्षा से ग्रामीणों में रोष है। आरोप लगाया है कि कई बार पेयजल योजना व्यवस्था दुरुस्त करने की मांग उठाई जा चुकी है पर कोई सुनवाई नहीं हो रही। चेताया है कि यदि जल्द गांवों में पेयजल आपूर्ति दुरुस्त नहीं की गई तो फिर ग्रामीणों को साथ लेकर आंदोलन शुरू किया जाएगा।
रामगढ़ ब्लॉक के चोपड़ा, कूल, दुमगांव, बिरखन, मटकिना, डूगरु, सुयालबाडी़ आदि तमाम गांवों के करीब छह से ज्यादा परिवार बूंद-बूंद पानी को मोहताज हो चुके हैं। गांवों को पानी पहुंचाने वाली पेयजल योजना आपदा की जद में आकर ध्वस्त हो चुकी है जिससे गांवों में पेयजल आपूर्ति ठप है। मजबूरी में गांवों के लोगों को दूरदराज स्थित प्राकृतिक जल स्रोतों से सिर पर पानी ढोकर घर पहुंचाना पड़ रहा है। लोग सारे काम छोड़ पहले पानी की व्यवस्था करने में जुटे हुए है। स्थानीय कुबेर सिंह जीना, अजय कुमार, गोपाल राम, सोबन सिंह, ललित सिंह, शंकर लाल, पूरन राम, राम लाल, बाली राम, कैलाश चंद्र, सुंदर लाल, दीप चंद्र, हरीराम आदि ने संबंधित विभाग पर उपेक्षा का आरोप लगाया है। कहा कि कई बार पेयजल व्यवस्था में सुधार को आवाज उठाई जाने के बावजूद कोई सुनवाई नहीं हो रही। दो टूक चेतावनी दी है कि यदि जल्द पेयजल व्यवस्था दुरुस्त नहीं की गई तो फिर सड़क पर उतर आंदोलन शुरू किया जाएगा।