= छत क्षतिग्रस्त, हादसे का खतरा हुआ दोगुना
= चार माह बाद भी नही कोई सुधलेवा
= ग्रामीणों ने उठाई मलबा निस्तारण व मुआवजे की मांग
(((हरीश कुमार/पंकज नेगी/हरीश चंद्र की रिपोर्ट)))
आपदा को बीते चार माह हो चुके हैं बावजूद तमाम गांवों के लोग आज तक उसका खामियाजा भुगत रहे हैं। बेतालघाट के सुदूर थुआ ब्लॉक गांव में भूस्खलन की जद में आए सड़क का मलबा ग्रामीण के घर तक पहुंच चुका है। छत क्षतिग्रस्त हो चुकी है। हादसे का खतरा बना हुआ है बावजूद कोई सुधलेवा नहीं है। स्थानीय लोगों ने मलबे के निस्तारण की मांग उठाई है।
बीते अक्टूबर में हुई मूसलाधार बारिश के बाद जगह-जगह भूस्खलन हुआ। कई जगह नदियों ने तबाही मचाई। वही बेतालघाट ब्लॉक के सुदूर थुआ ब्लॉक क्षेत्र में भी ग्रामीणों को काफी नुकसान पहुंचा। थुआ ब्लॉक – धारी-उल्गोर मोटर मार्ग पर भूधंसाव होने से सड़क का मलबा गांव के बची राम के मकान तक पहुंच चुका है। छत तक क्षतिग्रस्त हालत में है। अनहोनी की आंशका बनी हुई है। चार माह बीतने के बावजूद कोई सुध लेवा नहीं है। मुआवजा तक नहीं मिल सका है। ग्रामीणों ने अंदेशा जताया है कि यदि बारिश हुई तो मलबा के घर तक घुस तबाही मचा सकता है जिससे बड़ी घटना सामने आ सकती है। आरोप लगाया है कि कई बार मलबे के निस्तारण की मांग उठाई जा चुकी है पर कोई सुनवाई नहीं हो रही। दो टूक चेतावनी दी है कि यदि उपेक्षा की गई तो फिर सड़क पर उतर आंदोलन शुरू किया जाएगा।