= बिना सीसीटीवी कैमरे व कांटे के शुरू हुआ खदान
= डब्ल्यूआर से लग रहा सरकार सरकार को चुना
= मुख्य सचिव की आदेशों की धज्जियां उड़ा रहा पुलिस प्रशासन
= न्यायालय की शरण में जाने को तैयार क्षेत्रवासी
(((टीम तीखी नजर की रिपोर्ट)))
प्रदेश के मुख्य सचिव ने नदीयों में अवैध खनन पर सख्ती से अंकुश लगाने को आदेश जारी किए हैं पर बेतालघाट क्षेत्र में मुख्य सचिव के आदेशों की खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रही है। बिना सीसीटीवी व कांटे के खदान शुरू कर दिया गया है वहीं नियमानुसार समतलीकरण के स्थान पर चारों और तारबाड़ व चारदीवारी भी नहीं की गई है। ग्रामीणों ने नियमों की धज्जियां उड़ाई जाने पर रोष जताया है। दो टूक चेतावनी दी है कि यदि मनमाना रवैया अपनाया गया तो फिर आंदोलन की रणनीति तैयार कर दी जाएगी।
बेतालघाट क्षेत्र में बहने वाली कोसी नदी में मुख्य सचिव डॉ. एसएस संधू के आदेश समतलीकरण कार्य में दफन होते जा रहे हैं। सीसीटीवी व धर्म कांटे के बगैर ही धड़ल्ले से खदान शुरू कर दिया गया है। ऐसे में अवैध खनन की आशंका बढ़ती ही जा रही है। मानक के अनुसार तय रायल्टी के आधार पर ही समतलीकरण के कार्य में खनन की अनुमति होती है पर बगैर सीसीटीवी व कांटे के मानक से अधिक उप खनिज निकाले जाने की आशंका है। वाहनों में भी मानक से अधिक उप खनिज बनकर जहां-तहां भेजा जा रहा है जिससे सरकार को राजस्व की चपत लग रही है। कम रायल्टी में कई गुना अधिक उपखनिज भरा जा रहा है। समतलीकरण के चारों ओर चारदीवारी व तार बार के भी नियम है पर बिना तारबाड़ तथा चारदीवारी के ही खनन शुरू कर दिया गया है। बेतालघाट के बसगांव क्षेत्र इसका जीता जागता उदाहरण बन चुका है। ग्रामीणों का आरोप है कि मुख्य सचिव के आदेश के बावजूद नियमों को ताक पर रख अवैध खनन किया जा रहा है। कई बार आवाज उठाए जाने के बावजूद कोई सुनवाई नहीं हो रही। लोगों ने चेतावनी दी है कि यदि यही रवैया रहा तो फिर आंदोलन की रणनीति तैयार कर न्यायालय की शरण ली जाएगी।