krishi

शहरो से गांव पहुंचकर खेती-बाड़ी में जुटे
करीब पचास से ज्यादा युवा पुश्तैनी जमीन को आबाद करने में जुटे

गरमपानी डेस्क : शहरो महानगरों से गांव पहुंचे प्रवासी युवाओं ने अब खेतों की ओर रुख कर लिया है। पुस्तैनी जमीन को आबाद करने में जुट गए हैं। प्रवासी युवाओं के खेतों की ओर रुख करने से अब उनके परिजनो के चेहरे भी खिल गए है। खेती-बाड़ी प्रवासियों के रोजगार का जरिया बनने की उम्मीद भी बढ़ गई है।

कोरोना की दूसरी लहर में संक्रमण की रफ्तार बढ़ने पर दिल्ली, मुंबई, गुजरात, बेंगलुरु,पंजाब समेत अन्य शहरों तथा महानगरों से प्रवासी समय रहते गांव पहुंच गए। एकाएक रोजगार हाथ से चले जाने से युवाओं की चिंता बढ़ गई पर उन्होंने घर के करीब ही रोजगार ढूंढ निकाला है। बेतालघाट ब्लॉक के हल्सों कोरण गांव के करीब पचास से ज्यादा युवा अपने-अपने खेतो में जुट गए हैं। खेती-बाड़ी को रोजगार का हथियार बना लिया है। वर्तमान में फूल गोभी, शिमला मिर्च व मडुवे आदि की खेती में जुटे हुए हैं। खेतीबाड़ी में जुटने प्रवासियों के परिजन भी खुश हैं। परिजनों के अनुसार घर पर रहकर ही खेती बड़ी कर दो रोटी खाना बेहतर है। बाहर रहकर उन्हें हमेशा बच्चों की भी चिंता सताती रहती है। युवा पूरे एहतियात के साथ खेतों में खेती-बाड़ी में जुट गए हैं। और बंजर खेतों को आबाद करने की मुहिम भी शुरू हो गई।