= ग्रामीणों की शिकायत पर राजस्व विभाग की टीम मौके पर पहुंची
= नाप जोख कर ग्रामीणों के सामने स्थिति की स्पष्ट
= फिलहाल खदान की पुष्टि नहीं, हितों से खिलवाड़ पर आंदोलन का ऐलान
(((टीम तीखी नजर की रिपोर्ट)))
कोसी नदी क्षेत्र में सीमा को लेकर ग्रामीणों का पारा चढ़ गया है। ग्रामीणों ने समतलीकरण व खदान के नाम पर ग्रामीणों की भूमि पर भी खदान का आरोप लगाया। मौके पर पहुंचे राजस्व उपनिरीक्षक व कानूनगो ने नदी क्षेत्र में नापजोख कर स्थिति की जानकारी ग्रामीणों को दी। ग्रामीणों ने दो टूक चेतावनी दी कि खदान व समतलीकरण के नाम पर ग्रामीणों की भूमि खुर्द खुर्द की गई तो आंदोलन की रूपरेखा तैयार कर दी जाएगी।
बेतालघाट क्षेत्र में बहने वाली कोसी नदी में खदान होने से ग्रामीण सख्ते में है। ग्रामीणों ने कोसी नदी पर खदान व समतलीकरण के कार्यो के नाम पर गांव के अन्य लोगों की भूमि पर भी खदान की आशंका जताई है।शुक्रवार को तल्ला व मल्ला वर्धो तथा थापली गांव के ग्रामीण कोसी नदी पर पहुंचे। सूचना पर राजस्व उपनिरीक्षक प्रवीण ह्याकी व कानूनगो दीपक शाही मौके पर पहुंचे। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि खदान व समतलीकरण कार्यो के नाम पर ग्रामीणों की भूमि पर भी खदान की तैयारी कर ली गई है। जिसके बाद राजस्व विभाग की टीम ने नाप जोख शुरू की। फिलहाल ग्रामीणों की भूमि में खदान होना नहीं पाया गया। राजस्व उपनिरीक्षक प्रवीण हंयाकी ने ग्रामीणों को नाप जोख कर इसकी जानकारी दी। वही बेतालघाट बसगांव, सोनगांव, वर्धो, नैनीचैक,रतौडा़, धनियाकोट, तल्ली व मल्ली सेठी आदि क्षेत्र में स्वीकृत समतलीकरण के कार्यो की स्वीकृति पर ग्रामीणों ने उनकी नाप भूमि भी जद में आने की आशंका जताई है। चेतावनी दी है कि यदि ग्रामीणों के हितों से खिलवाड़ किया गया तो फिर आंदोलन का बिगुल फूंक दिया जाएगा। इस दौरान सुरेंद्र सिंह, हरीश मेहरा, कुलदीप सिंह, हरेंद्र सिंह, नंदन सिंह, बहादुर सिंह, भोपाल सिंह, प्रताप सिंह, राम सिंह आदि मौजूद रहे।