= महत्वपूर्ण विषयो के अध्यापकों के ही पद रिक्त
= नौनिहालों का भविष्य होता जा रहा अंधकारमय
= बडे़ बडे़ वादो की हकीकत बता रहा राजकीय इंटर कालेज खैरना
(((ब्यूरो चीफ विरेन्द्र बिष्ट की रिपोर्ट)))
तमाम वादे तथा दावे किए जाए पर गांवो में स्थित विद्यालयों की स्थिति दावो की पोल खोल रही है। जीआइसी खैरना खोखले दावो का जीता जागता उदाहरण बन चुका है। हालत यह है की महत्वपूर्ण विषयों के शिक्षको के पद वर्षो से रिक्त है। हालात यह है की अब लोग अपने बच्चों के एडमिशन जीआइसी खैरना में करवाने से कतराने लगे है इसी का नतीजा है की कभी विद्यालय में चार सौ से ज्यादा विद्यार्थी अध्यरत थे पर अब विद्यालय में महज 227 विद्यार्थी अध्यनरत है।
नैनीताल विधानसभा के गांवो के हालात अजीबो गरीब है। जीआइसी खैरना तमाम गांवो के मध्य में स्थित है। गांवो के नौनीहाल पढा़ई के लिए खैरना स्थित विद्यालय पहुंचते है। पर विद्यालय में पिछले कई वर्षो से महत्वपूर्ण विषयो के शिक्षको का सूखा पडा़ है। लोग आवाज उठाते है।बडे़ बडे़ दावो के साथ वादे भी किए जाते है पर हालात उलट है। विद्यालय में महत्वपूर्ण रसायन विज्ञान, समाजशास्त्र तथा अर्थशास्त्र समेत एलटी के भी तीन शिक्षको के पद रिक्त है। स्थाई प्रधानाचार्य तक का पद रिक्त है। विद्यालय में रिक्त पडे़ अध्यापकों के पद खोखले दावो की हकीकत बयां कर रहे है। शिक्षक विहीन विद्यालय में अब छात्र संख्या लगातार कम होती जा रही है। मजबूरी में लोग अपने नौनीहालो को जीआइसी भुजान व जीआइसी रातीघाट में एडमिशन करा रहे है।