= एक अदद स्त्री रोग विशेषज्ञ को तरस गया सीएचसी गरमपानी
= एक माह के आंदोलन के बाद दिलाया गया था तैनाती का भरोसा
= आश्वासन के बाद महज डेढ़ माह तैनात रही स्त्री रोग विशेषज्ञ
= विशेषज्ञ के ना होने से सैकड़ों गांवों के लोग परेशान

(((गरमपानी डेस्क की रिपोर्ट)))

पढ़ने में अटपटा जरूर लग रहा होगा पर यह है सौ फ़ीसदी सच। सीएचसी गरमपानी में स्त्री रोग विशेषज्ञ समेत अन्य व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने के लिए एक महीने आंदोलन चला। तब तहसील परिसर में सत्ता पक्ष के विधायक व प्रशासन की मौजूदगी में जल्द तैनाती का भरोसा आंदोलनकारियों को दिलाया गया। डेढ़ माह स्त्री रोग विशेषज्ञ अस्पताल में तैनात भी रही पर अब वही ढाक के तीन पात। स्त्री रोग विशेषज्ञ का पद रिक्त पड़े होने से आसपास के सैकड़ों गांवों के लोग परेशान हैं। बेहतर स्वास्थ्य सुविधा के लिए दूरदराज रुख करना पड़ रहा है। वादे, दावे, आश्वासन, भरोसा सब कुछ झूठा साबित हुआ हैं।
अक्टूबर 2020 में पंचायत प्रतिनिधियों, व्यापारियों व मातृ शक्ति ने सीएचसी गरमपानी में स्वास्थ्य सुविधाओं की बेहतरी के लिए एक माह तक आंदोलन किया। तब कुछ सेवाओं को दुरुस्त किया गया पर सबसे महत्वपूर्ण स्त्री रोग विशेषज्ञ की तैनाती के मामले में सब कुछ झूठा साबित हो गया। लोगों को उम्मीद थी कि आंदोलन के बाद स्त्री रोग विशेषज्ञ का लाभ भी क्षेत्रवासियों को मिलेगा। मन रखने के लिए एक महिने के लिए अस्पताल में स्त्री रोग विशेषज्ञ की कर दी गई पर कुछ समय बाद फिर अस्पताल में स्त्री रोग विशेषज्ञ का पद रिक्त हो गया। तब से अब तक अस्पताल में स्त्री रोग विशेषज्ञ का पद रिक्त पड़ा है जिस कारण लोग परेशान हैं तमाम गांवों के मध्य में स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य गरमपानी पर सैकड़ों गांवो के हजारों लोग निर्भर है। ऐसे में स्त्री रोग विशेषज्ञ का पद रिक्त होने से लोगों को लाभ नहीं मिल रहा। मजबूरी में दूरदराज के क्षेत्रों को रुख करना पड़ रहा है पैसे और समय की बर्बादी भी हो रही है। तब प्रशासन के नुमाइंदों, सत्तापक्ष के विधायक व कई जनप्रतिनिधियों की मौजूदगी में जल्द समस्याओं के समाधान का भरोसा दिलाया गया पर सभी वादे व दावे झूठे साबित हो गए। आज भी लोगों को अस्पताल में स्त्री रोग विशेषज्ञ का इंतजार है। गांवो के लोग उपेक्षा से आहत है। खुद को ठगा महसूस कर रहे हैं।