= बेतालघाट ब्लॉक के तमाम गांवों में स्थित बागानों से जुड़े डेढ़ सौ से अधिक ग्रामीण
= करीब 46 हेक्टेयर में स्थापित हो चुके बागान
= अन्य गांवों में 50 हेक्टेयर में बागान स्थापित करने की कवायद तेज

(((ब्यूरो चीफ विरेन्द्र बिष्ट/फिरोज अहमद/सुनील मेहरा/भरत सिंह की रिपोर्ट)))

बेतालघाट ब्लॉक के गांव में उत्तराखंड चाय विकास बोर्ड के चाय बागान ग्रामीणों की आर्थिकी सुधारने का बढ़िया जरिया बन चुके हैं। वर्तमान में ब्लॉक के तमाम गांवों में स्थापित बागानों में करीब डेढ़ सौ से ज्यादा ग्रामीणों को रोजगार उपलब्ध कराया जा रहा है। खास बात यह है की गांवो की महिलाएं चाय बागानो में कार्य कर अपना घर चला रही है। यहीं नही बाहरी प्रदेशो में निजी कंपनी व होटलो में कार्य करने वाले युवा भी चाय बागानों से जुड़ रोजगार पा रहे है।
कोरोनाकाल में जहां लोगों के हाथ से रोजगार चला गया वहीं उत्तराखंड चाय विकास बोर्ड के बागान ग्रामीणों के लिए संजीवनी बन चुके हैं। बेतालघाट ब्लॉक के सिल्टोना गांव में करीब 15 हेक्टेयर, जजूला गांव में 20, सिमराण 5, नौणा 2.5, गरजोली 1.5, बारगल तथा कफूल्टा गांव में 1.5 हेक्टेयर समेत करीब 46 हेक्टेयर में बागान संचालित किए जा रहे हैं। इन बागानों में गांव के करीब डेढ़ सौ से ज्यादा ग्रामीण कार्यरत हैं। महिलाओं के साथ ही कोरोना संकट से रोजगार छिन जाने से बेरोजगार हुए युवा भी अब बागानों में कार्य कर आजीविका कमा रहे। उत्तराखंड चाय विकास बोर्ड के बागान आर्थिकी सुधारने में मददगार साबित हो रहे हैं। विभागीय अधिकारियों के अनुसार वर्तमान में करीब 46 हेक्टेयर में बागान स्थापित है जहां से करीब 3500 किग्रा हरी पत्ती श्यामखेत स्थित चाय फैक्ट्री को भेजी जा चुकी है। ब्लॉक के ही अन्य गांवों में करीब 50 हेक्टेयर क्षेत्रफल में बागान स्थापित करने की योजना है। संबंधित विभाग के फील्ड सहायक आन सिंह मेहरा के अनुसार ग्रामीण बढ़-चढ़कर बागानों में कार्य कर रहे हैं। बागानो से बेहतर रोजगार उपलब्ध कराया जा रहा है। महिलाएं व युवा बढ़ चढ़कर कार्य कर रहे हैं। फील्ड सहायक के अनुसार अन्य गांवों में अभी 50 हेक्टेयर क्षेत्रफल में बागान स्थापित करने की योजना प्रस्तावित है।