= खुद को ठगा महसूस कर रहे किसान
= किसानों ने लगाया उपेक्षा का आरोप
(((कुबेर सिंह जीना/अंकित सुयाल/मनीष कर्नाटक/महेन्द्र कनवाल की रिपोर्ट)))
खैरना चौराहे के समीप लाखो रुपये की लागत से बने आपुण बाजार का लाभ ना मिल पाने से किसानों में नाराजगी है। किसानों ने इसे उपेक्षा करार दिया है कहा कि निर्माण कर दिया गया पर लाभ न मिल पाने से किसान खुद को ठगा महसूस कर रहे हैं।
अल्मोड़ा हल्द्वानी हाईवे पर खैरना मुख्य बाजार के समीप लाखो रुपए की लागत से तीन वर्ष आपुण बाजार तैयार किया गया। मकसद था कि बिचौलियों से किसानों को बचा उनकी उपज सीधे मंडी तक पहुंच सके तथा किसानों को उपज का वाजिब दाम मिल सके पर आज तक आपुण बाजार से किसानों को लाभ ही नहीं मिल सका है। कुमाऊँ रेजीमेंटल सेंटर रानीखेत के भूमि पर दावा किए जाने के बाद मामला न्यायालय में विचाराधीन है। ऐसे में किसानों को आपुण बाजार का लाभ नहीं मिल सका। किसानों का आरोप है कि उनके साथ छल किया गया है। सरकारी धन की खुली बर्बादी हुई है। सवाल उठाए हैं कि जब भूमि कुमाऊँ रेजिमेंटल सेंटर की थी तो उस पर लाखो रुपए खर्च ही क्यों किया गया। काश्तकार सुनील सिंह मेहरा, महेंद्र सिंह, गोधन सिंह, बिशन सिंह, चंदन सिंह, वीरेंद्र सिंह आदि लोगों ने उपेक्षा पर नाराजगी जताई है। किसानों ने अन्य स्थान पर आपुण बाजार निर्माण किए जाने की पुरजोर मांग उठाई है ताकि किसान लाभान्वित हो सके।