= कड़ाके की ठंड में दूर दराज से पानी ढोने को मजबूर ग्रामीण
= पेयजल व्यवस्था चरमरा ने से चढ़ने लगा क्षेत्रवासियों का पारा
= जल्द व्यवस्था में सुधार ना होने पर आंदोलन का ऐलान
(((अंकित सुयाल/कुबेर जीना/मनीष कर्नाटक की रिपोर्ट)))
आपदा के बाद से ही सुयालबाड़ी क्षेत्र के वाशिंदे पेयजल संकट का सामना करने को मजबूर हैं। करीब सत्तर से ज्यादा परिवार दूरदराज से पानी ढोने को मजबूर हैं। ग्राम प्रधान समेत क्षेत्र वासियों ने तत्काल पेयजल व्यवस्था दुरुस्त किए जाने की मांग उठाई है। चेतावनी दी है कि यदि उपेक्षा की गई तो फिर सड़क पर उतर आंदोलन शुरू किया जाएगा।
सुयालबाडी़ मुख्य बाजार के साथ ही गांव में भी पेयजल संकट सिर चढ़कर बोल रहा है। आपदा में पेयजल व्यवस्था बदहाल होने के बाद से ही ग्रामीण बूंद-बूंद पानी को तरस रहे हैं। जल संस्थान ने अस्थाई व्यवस्था कर गांव में पेयजल आपूर्ति सुचारू की है जो नाकाफी साबित हो रही है। ग्राम पंचायत की योजना भी ठप पड़ी है। मजबूरी में गांव व बाजार में स्थित करीब सत्तर से ज्यादा परिवार दूरदराज से पानी ढोने को मजबूर है। कड़ाके की ठंड में भी हलक तर करने को जद्दोजहद करनी पड़ रही है। ग्राम प्रधान हंसा सुयाल, जीवन कांडपाल, जानकी सुयाल, बसंती सुयाल, मदन मोहन सुयाल, जानकी सुयाल, कुसुमलता सुयाल, जानकी देवी आदि ने तत्काल पेयजल व्यवस्था दुरुस्त किए जाने की मांग उठाई है।चेतावनी दी है की यदि उपेक्षा की गई तो फिर आंदोलन शुरु कर दिया जाऐगा।