= पशुओं को मौत के घाट उतार रहा मवेसीखोर गुलदार
= खेती बाडी़ चौपट होने के बाद पशुपालन भी चौपट
= ऋण लेकर पशुपालन करने वाले नही चुका पा रहे ऋण
(((सुनील मेहरा/दलिप नेगी/मनोज पडलिया की रिपोर्ट)))
भुजान रिची मोटर मार्ग पर स्थित गांवों में मवेशीखोर गुलदार का आतंक जोर पकड़ता जा रहा है। आए दिन गुलदार मवेशियों को मौत के घाट उतार रहा है जिससे पशुपालकों को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है। खेती बाडी़ के बाद अब गांवो में रोजगार का एकमात्र साधन पशुपालन भी चौपट होता जा रहा है। ग्रामीणों में गांव में पिंजरा लगा गुलदार के आतंक से निजात दिलाए जाने की पुरजोर मांग उठाई है।
भुजान रिची मोटर मार्ग पर तिपौला व टूनाकोट गांव में मवेशीखोर गुलदार के आतंक से ग्रामीण दहशत में है। बीते दिनों ही गुलदार ने देवेंद्र सिंह की बकरी को दिनदहाड़े निवाला बना दिया वही गांव के ही विक्रम सिंह की दो बकरियों को मार डाला। गोविंद सिंह की गोवंशीय पशु पर हमला कर दिया जिससे उसकी हालत नाजुक बनी हुई है दिनदहाड़े ही गुलदार के आबादी तक पहुंचने से ग्रामीण खौफजदा है। खेती-बाड़ी चौपट होने के बाद गांव के लोगों ने बैंकों से ऋण लेकर पशुपालन शुरू किया है पर लगातार गुलदार के मवेशियों को मौत के घाट उतारने से अब पशुपालकों से ऋण भी वापस नहीं किया जा रहा। पशुपालक कर्जदार बनते जा रहे हैं। ग्रामीणों ने गुलदार के आतंक से निजात दिलाने के लिए वन विभाग से गांव में पिंजरा लगाए जाने की मांग उठाई है वहीं स्थानीय सुनील मेहरा, गोविंद मेहरा, आनंद सिंह, पान सिंह, विरेन्द्र सिंह आदि ने पशुपालकों को मुआवजा दिए जाने की पुरजोर मांग की है।