= तीन जनवरी को होगी सुनवाई
= चुनाव पर रोक लगाने की मांग
(((नैनीताल से तनुजा बिष्ट की रिपोर्ट)))
राज्य में विधानसभा चुनाव टालने को लेकर उत्तराखण्ड हाईकोर्ट में प्रार्थना पत्र दाखिल किया गया है। कोविड़ के मामलों की सुनवाई वाली अधिवक्ता दुष्यंत मैनाली व सचिदानंद डबराल के अधिवक्ता ने हाईकोर्ट में प्रार्थना पत्र दाखिल किया जिस पर कोर्ट ने सोमवार को सुनवाई करने का निर्णय लिया है। सुनवाई के दौरान सरकार और चुनाव आयोग भारत सरकार को नोटिस सर्व किये हैं और अपना पक्ष कोर्ट में रखने को कहा है। चुनाव टालने वाली याचिका पर हाईकोर्ट में कहा गया है कि राज्य में कोविड़ का प्रभाव तेजी से बढ रहा है और राज्य सरकार कोई कदम नहीं उठा रही है। याचिका में कहा गया है कि राज्य में डाक्टरों और मेडिकल स्टाफ की कमी है साथ ही ओमिक्रोन वैरिएंट का खतरा भी बना हुआ है बावजूद इसके चुनावी सभाएं रैलियां लगातार बढ रही हैं। याचिका में कहा गया है कि कोविड़ के नियमों का पालन कराने मे सरकार नाकाम है .हांलाकि इस दौरान सरकार ने कोर्ट में बताया कि सरकार ने कोविड़ नियमों के पालन के लिये सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिये हैं और 25 व 27 दिसंबर को केन्द्र सरकार के निर्देशों के अनुपालन में एसओपी जारी करते हुए नाइट कर्फ्यू लगाया गया है। अब कोर्ट इस मामले पर 3 जनवरी को सुनवाई करेगी। याचिकाकर्ता के वकील शिव भट्ट ने बताया कि उन्हौने कोरोना के बढते मामलों को देखते हुए ये प्रर्थना कोर्ट से की है और मांग की है कि चुनाव को फिलहाल रोक लगाई जाए या फिर चुनाव आँन लाइन हो और चुनाव रैलिया भी डिजिटल ही हों।