= मुक्तेश्वर स्थित आरवीआरआई लैब की रिपोर्ट में हुआ खुलासा
= पशुपालन विभाग ने किया स्थिति नियंत्रण में होने का दावा
(((दलिप नेगी/मनोज पडलिया/हरीश कुमार की रिपोर्ट)))
बेतालघाट ब्लाक के बसगांव में पशुपालकों की बकरियां के विचित्र बिमारी की चपेट में आकर दम तोड़ने के मामले में बिमार बकरियों के रक्त के नमूनो की जांच रिपोट में एक विशेष प्रकार के वायरल पोकनी(पीपीआर) रोग की पुष्टी हुई है। पशुचिकित्साधिकारी ने दावा किया है की बाहर से किसी पशु के आने के बाद यह बिमारी अन्य बकरियों में फैली। पशुचिकित्साधिकारी के अनुसार बिमार पशुओं का उपचार शुरु किया जा चुका है। स्थिति के नियत्रंण में होने की भी बात कही है।
आपदा के बाद बेतालघाट ब्लॉक के बसगांव, सोनगांव, मलयाल गांव क्षेत्र में पशुपालकों की बकरियां अज्ञात बीमारी की चपेट में आ गई। ग्रामीणों के अनुसार तमाम पशुपालकों की करीब सौ से ज्यादा बकरियां दम तोड़ चुकी हैं साथ ही कई बकरियां बीमारी की जद में है। गांव के पूर्व क्षेत्र पंचायत सदस्य इंदर सिंह बोहरा, गुलाब सिंह, गोधन सिंह, विक्रम सिंह समेत तमाम पशुपालको कि बकरियां दम तोड़ चुकी है। ग्रामीणों के अनुसार आपदा में कई पशु मलबे में दब गए वहीं कोसी नदी में भी कई पशु बहकर आए। संभवत इसी से पशुओं में बीमारी फैली है। मामले से पशुपालन विभाग में भी हड़कंप मच गया। पशु चिकित्साधिकारी डा. नेहा चौधरी के नेतृत्व में पशुपालन की टीम ने गांवों में बीमार पशुओं का उपचार शुरू किया। बीमार पशुओं के रक्त के नमूने जांच को रुद्रपुर स्थित प्रयोगशाला भेज दिए गए जहां से नमूने मुक्तेश्वर स्थित आईवीआरआई लैब भेजे गए। पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. नेहा चौधरी के अनुसार गुरुवार को आई रिपोर्ट में छह बकरियों की रिपोर्ट पॉजिटिव पाई गई। उनमें पोकनी रोग की पुष्टि हुई है। यह विशेष प्रकार का वायरल है। बकरियों के सिर में सूजन तथा पेचिश के लक्षण सामने आए हैं। बीमार पशुओं का उपचार शुरू कर दिया गया। दावा किया है की स्थिति नियंत्रण में है।