= सिर में सूजन व पेचिस के लक्षण
= पशुपालन विभाग में मचा हड़कंप
= बीमार पशुओं के रक्त के नमूने जांच को भेजे

(((विरेन्द्र बिष्ट/फिरोज अहमद/सुनील मेहरा की रिपोर्ट)))

बेतालघाट ब्लाक के बसगांव में पशुपालकों की बकरियां विचित्र बिमारी की चपेट में आकर दम तोड़ रही है। हलकान पशुपालन विभाग ने बकरियों का उपचार शुरु कर दिया है वहीं बिमारी की पुष्टी को बकरियों के रक्त के नमूने जांच को रुद्रपुर स्थित प्रयोगशाला भेज दिए गए है। जांच रिपोर्ट मिलने के बाद असल बिमारी का पता चल सकेगा। ग्रामीणों के अनुसार करीब सौ से ज्यादा बकरियां दम तोड़ चुकी है जबकि पशुपालन विभाग ने बकरियों की मौत का आंकडा़ पचास के आसपास बताया है।

खेतीबाड़ी चौपट होने के बाद अब गांवों में रोजगार का एकमात्र जरिया पशुपालन पर भी मार पड़ने लगी है। आपदा के बाद बेतालघाट ब्लॉक के बसगांव, सोनगांव, मलयाल गांव क्षेत्र में पशुपालकों की बकरियां अज्ञात बीमारी की चपेट में है। ग्रामीणों के अनुसार तमाम पशुपालकों की करीब सौ से ज्यादा बकरियां दम तोड़ चुकी हैं साथ ही कई बकरियां अभी बीमारी की जद में है। गांव के पूर्व क्षेत्र पंचायत सदस्य इंदर सिंह बोहरा, गुलाब सिंह, गोधन सिंह, विक्रम सिंह समेत तमाम पशुपालको कि बकरियां दम तोड़ चुकी है।

ग्रामीणों के अनुसार आपदा में कई पशु मलबे में दब गए वहीं कोसी नदी में भी कई पशु बहकर आए। संभवत इसी से पशुओं में बीमारी फैली है। मामले से पशुपालन विभाग में भी हड़कंप मचा हुआ है। पशु चिकित्साधिकारी डा. नेहा चौधरी के नेतृत्व में पशुपालन की टीम ने गांवों में बीमार पशुओं का उपचार शुरू कर दिया है।

पशु चिकित्सा अधिकारी डा. नेहा चौधरी के अनुसार बीमार पशुओं के रक्त के नमूने जांच को रुद्रपुर स्थित प्रयोगशाला भेज दिए गए हैं बताया कि बकरियों के सिर में सूजन तथा पेचिश के लक्षण सामने आए हैं। बीमार पशुओं का उपचार शुरू कर दिया गया। बताया कि जांच रिपोर्ट मिलने के बाद ही बीमारी के असल कारणों का पता लग सकेगा। लोगो ने पशुपालको को नुकसान का मुआवजा दिए जाने की भी मांग उठाई है।