= 1.50 करोड़ रुपये से शुरु हुआ कार्य
= आपदा में रोखड़ में तब्दील हो चुकी है नर्सरियां व बागान
= आपदा मद से नही मिल सका है बजट

(((विरेन्द्र बिष्ट/फिरोज अहमद/सुनील मेहरा/दलिप नेगी की रिपोर्ट)))

आपदा में ध्वस्त हुई चाय नर्सरियों व बागानों को अब पुनः स्थापित करने के लिए संबंधित विभाग ने कवायद तेज कर दी है इसके लिए लगभग डेढ़ करोड़ रुपये की लागत से कार्य शुरू कर दिया गया है फिलहाल टी बोर्ड ने अपने ही संसाधनों व बजट से कार्य की शुरुआत की है आपदा मद से अभी विभाग को कोई बजट नहीं मिल सका है।

बीते दिनों गई मूसलाधार बारिश के बाद बेतालघाट, रामगढ़, धारी ब्लॉक में चाय विकास बोर्ड की नर्सरियां व बागान भी जमीनदोंज हो गए। बेतालघाट ब्लाक में चाय नर्सरी के करीब 34425 चाय के पेड़ नष्ट हो गए वही 27 किसानो की भूमि पर लगे 11260 पौधे बह गए। रामगढ़ ब्लॉक के झूतियां क्षेत्र में स्थित नर्सरी में 88257 चाय के पौधे तथा पांच काश्तकारों की जमीन पर लगे बागान के 5600 पेड़ मलबे से दब गए। धारी ब्लॉक के पनियाली क्षेत्र में 7390 तथा गुनियालेख में 7650 पौधे तथा पदमपुरी में 2000 पौधे नष्ट हो गए। चाय बागान श्यामखेत में 1 हेक्टेयर जमीन पर लगे पौधे व तार बाड़ बरसाती गधेरे की भेंट चढ़ गए थे। चाय विकास बोर्ड ने आपदा में हुए नुकसान का प्रस्ताव बनाकर प्रशासन को सौंपा पर आपदा मद से कोई बजट नहीं मिल सका। अब टी बोर्ड ने खुद की आय से नर्सरी व बागानों को पुनः स्थापित करने की कवायद तेज कर दी है। चाय विकास बोर्ड के वित्त अधिकारी अनिल खोलिया के अनुसार करीब डेढ़ करोड रुपये की लागत से नर्सरियों तथा बागानो को दोबारा स्थापित करने की शुरुआत कर दी गई है बताया कि अभी आपदा मद से बजट नहीं मिल सका है।