= निजी वाहनो में धड़ल्ले से ढोए जा रहे वाहन
= नुकसान होने से टैक्सी संचालको में गुस्सा
(((अंकित सुयाल/कुबेर जीना/मनीष कर्नाटक/हरीश कुमार की रिपोर्ट)))
दो वर्ष कोरोना ने टैक्सी संचालको को भारी नुकसान पहुंचाया फिर रही सही कसर आपदा ने पूरी कर दी कुछ राहत की उम्मीद थी की अब निजी वाहनो में यात्री ढोए जाने से टैक्सी वाहन संचालको को काफि नुकसान उठाना पड़ रहा है।वाहन चालको ने मामले में कार्रवाई किए जाने की मांग उठाई है।
कोरोना तथा आपदा का सामना करने के बाद अब टैक्सी वाहन संचालकों के लिए बड़ी समस्या पैदा हो गई है। निजी वाहन संचालक यात्रियों को अपने वाहन से इधर-उधर ढो रहे हैं जिस कारण टैक्सी संचालकों के हाथ मायूसी लग रही है। टैक्सी संचालकों के अनुसार तमाम टैक्स देने के बावजूद यात्री नहीं मिल पा रहे। निजी वाहन संचालक मनमानी कर रहे हैं। जिस कारण नुकसान उठाना पड़ रहा है। निजी वाहनों यात्री ढोए जा रहे हैं। जो नियम विरुद्ध है। सुयालबाडी़ के आसपास के गांवों में धड़ल्ले से निजी वाहन सवारी ढो रहे हैं। टैक्सी संचालकों ने मामले पर रोष जताया है। टैक्सी वाहन संचालक दिनेश पंत, पंकज जोशी, यशवंत बिष्ट, दीपक कुमार, गिरीश सुयाल, ख्याली पांडेय आदि ने मामले में कार्रवाई की मांग उठाई है।