= मई के महिने शुरु हुई थी कवायद,आठ अस्पतालों को मिलना था लाभ
= कोरोना संक्रमित मरीजों को बेड पर आक्सीजन उपलब्ध कराने को बनी थी रणनीति
= सीएमओ बोली – जल्द शुरु होगा कार्य
(((विरेन्द्र बिष्ट/सुनील मेहरा/फिरोज अहमद की रिपोर्ट)))
कोरोना संक्रमण को देख बीते छह माह पूर्व जिले के आठ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में ऑक्सीजन पाइप लाइन बिछाने की योजना परवान नहीं चढ़ सकी। सर्वे हो जाने के बावजूद योजना हवा में लटक गई हालांकि मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने दावा किया है कि अब जल्द ही कार्य शुरू होगा।
दरअसल कोरोना संकटकाल में ऑक्सीजन की किल्लत से स्वास्थ्य विभाग सख्ते में आ गया। कई प्रदेशों में लोगों ने ऑक्सीजन की अभाव में दम तक तोड़ दिया। ऐसे में दूसरी लहर का सामना करने तथा संक्रमित मरीजों को ऑक्सीजन उपलब्ध कराने के लिए केंद्र सरकार की मदद से नैनीताल जनपद के आठ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में ऑक्सीजन पाइप लाइन के जरिए प्रत्येक बेड तक ऑक्सीजन पहुंचाने की योजना तैयार की गई। इसके लिए अस्पताल में ही कंट्रोल रूम भी स्थापित किया जाना था। बीते मई में योजना की शुरुआत हुई तथा जून में सर्वे भी पूरा करा लिया गया पर एकाएक योजना का कार्य ठंडे बस्ते में चला गया। योजना हवा में ही लटकी रही। योजना परवान ही नहीं चढ़ सकी। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र गरमपानी, बेतालघाट, सुयालबाड़ी, रामगढ़, भवाली, भीमताल, कालाढूंगी, कोटाबाग आदि के अस्पतालों में प्रत्येक वार्ड तक ऑक्सीजन पाइप लाइन के जरिए ऑक्सीजन पहुंचाए जाने की योजना तैयार की गई थी। लंबा समय बीत जाने के बावजूद योजना का कार्य शुरू नहीं हो सका है। हालांकि मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. भागीरथ जोशी ने दावा किया है कि अब जल्द ही कार्य शुरू हो जाएगा। बताया कि योजना का कार्य शुरू करने के लिए बजट की लिमिट मिल चुकी है। अब जल्द ही योजना का कार्य पूरा करवाया जाएगा। पर्वतीय क्षेत्रों के अस्पतालों में प्रत्येक वार्ड तक पाइप लाइन के जरिए ऑक्सीजन पहुंचने से मरीजों को इसका लाभ मिल सकेगा।