= काम धंधा कर दो रोटी की भूख भारी
= कई नौनीहाल नही जानते बाल दिवस के मायने
(((सुनील मेहरा/मनोज पडलिया/पंकज भट्ट/महेंद्र कनवाल की रिपोर्ट)))
प्रदेश भर में बाल दिवस धूमधाम से मनाया गया पर पहाड़ के कई नौनिहालों इन सब से अछूते रहे। कई नौनिहालों को 14 नवंबर के दिन होने वाले चाचा नेहरू के जन्मदिन पर मनाए जाने वाले बाल दिवस के बारे में पता ही नहीं चला। तो कई नौनिहाल दो रोटी की खातिर मेहनत में जुटे रहे।
14 नवंबर के दिन चाचा नेहरू का जन्मदिन धूमधाम से मनाया जाता है नौनिहालों के लिए यह दिन खास माना जाता है पर बाजार व आसपास के गांवों के नौनिहालों के लिए आज का दिन भी और दिनों की तरह ही बीता। खैरना क्षेत्र में मैकेनिक की दुकान में अपने भाई का हाथ बटाने वाले कन्हैया तथा समीपवर्ती स्यालीखेत गांव से बाजार पहुंचे गोलू को इस दिन के मायने ही नहीं पता।रविवार को स्कूल में अवकाश के चलते नौनिहालो को चाचा नेहरु के जन्मदिन के बारे में जानकारी नही हुई। धूमधाम से मनाया जाने वाले चाचा नेहरू के जन्मदिन पर भी कई नौनिहाल दो रोटी की जुगत में ही रहे। मेहनतकश नौनिहाल रोजाना की तरह अपने काम धंधे में जुटे रहे।