=भवाली से खैरना तक जगह-जगह मुंह उठाए खड़ा खतरा
= यात्री जान जोखिम में डाल आवाजाही को मजबूर
= संकेतांक भी नहीं लगा सका है विभाग
(((विरेन्द्र बिष्ट/फिरोज अहमद/दलिप सिंह नेगी की रिपोर्ट))))
अल्मोड़ा हल्द्वानी हाईवे पर भवाली से खैरना तक जगह-जगह खतरा मुंह उठाए खड़ा है। हद तो यह है कि संबंधित विभाग अब तक खतरे वाले स्थानों पर संकेतांक भी नहीं लगा सका है जिस कारण खतरा दिन प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा है। रात के वक्त आवाजाही में जोखिम दोगुना बढ़ जा रहा है।
हाईवे पर क्वारब से खैरना तक मलबा सफाई का कार्य गतिमान है। वही खैरना से भवाली तक जगह-जगह खतरा बना हुआ है। मूसलाधार बारिश के बाद उठे जल प्रलय ने हाइवे को भारी नुकसान पहुंचाया जगह-जगह हाईवे ध्वस्त हो गय। छह दिनों तक हाईवे बंद रहने के बाद बमुश्किल हाईवे को आवाजाही लायक बनाया जा सका बाद में तीन दिन आवाजाही बाधित कर हाईवे को ठीक किया गया पर अभी भी जगह-जगह खतरा बना हुआ है यात्री जान जोखिम में डाल आवाजाही को मजबूर हैं। संबंधित विभाग ने कहीं पर भी संकेतांक नहीं लगाए हैं जिससे वाहन चालक धोखा खा जा रहे हैं निगलाट, कैंची, पाडली, रातीघाट, दोपांखी क्षेत्र में खतरा बना हुआ है। व्यापारी नेता गजेंद्र नेगी, वीरेंद्र सिंह बिष्ट, महेंद्र बिष्ट, कुबेर सिंह जीना,अंकित सुयाल, हरीश चंद्र, पंकज भट्ट, पंकज नेगी, पूरन लाल साह आदि लोगों ने खतरे वाले स्थानों पर संकेतक लगाए जाने तथा हाईवे को तत्काल दुरुस्त करने की पुरजोर मांग उठाई है दो टूक चेतावनी दी है कि यदि लापरवाही की गई तो फिर सड़क पर उतर आंदोलन का बिगुल फूंक दिया जाएगा। इधर संबंधित विभाग के अपर सहायक अभियंता जेएस बोरा के अनुसार खतरे वाले स्थानो पर संकेताक लगाने की कार्रवाई शुरू की जाएगी।