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शवदाह स्थल से टाल की दूरी है पांच सौ मीटर
लोगों को करना पड़ता है दिक्कत का सामना

गरमपानी : खैरना क्षेत्र में स्थित लकड़ी टाल को उत्तरवाहिनी शिप्रा व कोसी नदी के संगम तट पर स्थित शवदाह स्थल के आसपास स्थानांतरित किए जाने की मांग जोर पकड़ने लगी है। ग्रामीणों का कहना है कि शवदाह स्थल से लकड़ी टाल की दूरी लगभग पांच सौ मीटर की दूरी पर है जिस कारण वाहन से लकड़ी लानी पड़ती है। जिसमें काफी समय व पैसे की भी बर्बादी होती है।

गरमपानी खैरना व आसपास के करीब दो दर्जन से अधिक गांवो से लोग मृतकों की अंत्येष्टि करने के लिए उत्तरवाहिनी शिप्रा व कोसी नदी के संगम तट पर स्थित श्मशान घाट पर पहुंचते हैं। कोसी व शिप्रा नदी का संगम अपने आप में विशेष महत्व रखता है पर ग्रामीणों को काफी दिक्कतों का भी सामना करना पड़ता है। शवदाह के लिए लकड़ी लाने के लिए ग्रामीणों को शमशान घाट से करीब पांच सौ मीटर की दूरी तय करनी पड़ती है। टाल से वाहन के माध्यम से लकड़ी शवदाह स्थल तक लाई जाती है जिसमें काफी पैसे व समय की बर्बादी होती है। ग्रामीणों का कहना है कि पूर्व में भी शवदाह स्थल पर ही लकड़ी टाल स्थानांतरित किए जाने की मांग उठाई जा चुकी है पर कोई सुनवाई नहीं हो रही। एक बार फिर लकड़ी टाल को शमशान घाट के समीप स्थानांतरित किए जाने की पुरजोर मांग उठाई है। कहा है कि गरीब परिवारों को पांच सौ मीटर दूरी से वाहन के माध्यम से शवदाह के लिए लकड़ी लाने में काफी परेशानी उठानी पड़ती है। वाहन बुक करने में पैसा खर्च करना पड़ता है जिससे गरीब परिवारों पर अतिरिक्त बोझ पड़ता है। कहा कि मामले को लेकर जल्द ही वन निगम अधिकारियों से भी वार्ता की जाएगी। लकड़ी टाल यदि शवदाह स्थल के समीप ही स्थानांतरित कर दिया जाता है तो इससे काफी राहत मिलेगी।