= आपदा ने दिए बेरोजगार को गहरे जख्म
= मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना से ऋण लेकर शुरू किया था कारोबार
= कैसे चुकाएंगे बैंक कारण बड़ा सवाल ?

(((विरेन्द्र बिष्ट/फिरोज अहमद/सुनील मेहरा की रिपोर्ट)))

अल्मोड़ा हल्द्वानी हाइवे से सटे बेतालघाट ब्लॉक के लोहाली गांव के बिहारी लाल ने गरमपानी एसबीआई शाखा से मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के तहत मुर्गी पालन के लिए करीब दस लाख रुपये का ऋण लिया। हाड़तोड़ मेहनत कर पोल्ट्री फॉर्म स्थापित कर दिया गया। कारोबार गति पकड़ ही रहा था कि 18 व 19 अक्टूबर की रात आई आपदा ने पोल्ट्री फार्म में तबाही मचा दी। समीप की पहाड़ी से हुए जबरदस्त भूस्खलन से करीब तीन हजार मुर्गियां व पूरा पोल्ट्री फॉर्म जमीनदोंज हो गया।

आपदा ने लोगो को ऐसे गहरे जख्म दिए हैं कि जिन्हें भुलाना संभव नहीं है। जहां एक ओर खेतीबाड़ी, पशुपालन सब कुछ चौपट हो चुका है तो वही बैंक से से लेकर स्वरोजगार करने वालों की भी कमर टूट चुकी है। समीपवर्ती लोहाली गांव में बैंक से दस लाख रुपये का ऋण लेकर पोल्ट्री फार्म संचालित करने वाले ग्रामीण का सबकुछ तबा।ह हो गया है। रह-रहकर सवाल उठ रहा है कि अब बैंक का ऋण चुकाए है तो चुकाए है।

बिहारी लाल व उसके परिवार ने बामुश्किल भागकर जान बचाई। सुबह होने पर देखा तो पूरा पोल्ट्री फॉर्म रोकड़ में तब्दील हो चुका था। मुर्गियां दबी पड़ी थी। बैंक से ऋण लेकर कार्य करने वाला बिहारी लाल अब बेहद परेशान है। राहत के नाम पर कुछ भी नसीब नहीं हो सका है। बस अब रह रह कर यही सवाल उठ रहा है कि बैंक कर ऋण चुकाए तो चुकाए कैसे। दुबारा पोल्ट्री फॉर्म खड़ी करने की स्थिति भी नहीं रह गई है। जिंदगी भर की कमाई भी पोल्ट्री फार्म में लगा चुके बिहारी लाल का सब कुछ तबाही की भेंट चढ़ चुका है. स्थानीय लोगों ने शासन प्रशासन से बिहारी लाल की मदद को हाथ बढा़ने का आह्वान किया है।