= संक्रामक बीमारी फैलने का खतरा बढ़ा
= पानी ना मिलने के बावजूद करना पड़ रहा बिल का भुगतान
= ग्रामीणों में रोष, उठाई पेयजल आपूर्ति दुरुस्त करने की मांग
(((विरेन्द्र बिष्ट/फिरोज अहमद/दलिप सिंह नेगी की रिपोर्ट)))
मूसलाधार बारिश के बाद उठे जलप्रलय ने गांवों के लोगों को गहरे जख्म दिए पर बेतालघाट ब्लॉक के अमेल गांव के आमडाली तोक के करीब 22 परिवार भी उपेक्षा का दंश झेल रहे हैं। मजबूरी में अब ग्रामीणों को कोसी नदी का पानी पीना पड़ रहा है। हद तो यह है कि गांव के लोग प्रतिमाह बिल का भी भुगतान कर रहे हैं।
18 को 19 अक्टूबर को उठे जलप्रलय ने गांवो में सब कुछ तबाह कर डाला। खेती-बाड़ी, पेयजल, सड़क, सिंचाई योजनाएं सब अस्त-व्यस्त हो चुकी हैं। कई गांवों में लोग अभी बूंद पानी को तरस रहे हैं। बेतालघाट ब्लॉक के अमेल गांव के आमडाली तौक के गांव अब कोसी नदी का पानी पीने को मजबूर है। जबकि अभी पानी गंदा आ रहा है। खष्टी देवी, प्रेमा देवी, गीता देवी, किरन देवी, उमा देवी का आरोप है कि आज तक गांव तक पानी पहुंचा ही नहीं है जिस कारण मजबूरी में कोसी नदी का पानी पीना पड़ रहा है। विभागीय अधिकारियों पर उपेक्षा का आरोप लगाते हुए कहा कि प्रतिमाह बिल का भुगतान करना पड़ रहा है। जबकि आय के साधन खेती-बाड़ी व पशुपालन चौपट हो चुका है। ग्रामीणों ने गांव में पेयजल आपूर्ति सुचारू करने के साथ ही बिजली के बिल माफ करने की मांग उठाई है। इधर जल संस्थान के सहायक अभियंता दलीप सिंह बिष्ट के अनुसार जल्द ही गांवों में पेयजल आपूर्ति दुरुस्त करने के प्रयास किए जा रहे है बताया कि आमडाली तोक में भी पेयजल आपूर्ति के निर्देश दे दिए गए हैं।