= चाय विकास बोर्ड को हुआ एक करोड़ से ज्यादा का नुकसान
= पेड़ पौधे हो गए जमींनदोज
= प्रबंधन ने भेजी प्रशासन को रिपोर्ट

(((दलिप सिंह नेगी/हरीश चंद्र/मनोज पडलिया की रिपोर्ट)))

गांवों के लोगों को रोजगार उपलब्ध कराने वाली चाय नर्सरी व बागान भी आपदा की भेंट चढ़ गए हैं। चाय बागान व नर्सरिया में लगे पौधे पूर्णत: नष्ट हो चुके हैं। चाय विकास बोर्ड के प्रबंधक के अनुसार करीब एक करोड़ रुपये से ज्यादा की क्षति हुई है।
जगह-जगह तबाही मचाने के साथ ही बेतालघाट, रामगढ़, धारी ब्लॉक में उत्तराखंड चाय विकास बोर्ड की नर्सरी व बागान भी जमीनदोंज हो गए हैं। 18 व 19 अक्टूबर की रात मची तबाही से उठे जल प्रलय व जगह-जगह हुए भूस्खलन से बेतालघाट चाय नर्सरी के गरमपानी स्थित नर्सरी में 34425 चाय के पेड़ नष्ट हो चुके हैं वहीं 27 काश्तकारों की भूमि पर लगे 11260 पौधे बह गए हैं। रामगढ़ ब्लाक के झूतिया क्षेत्र में स्थि नर्सरी में 88257 चाय के पौधे व पांच काश्तकारों की जमीन पर लगे बागान के 5600 पेड़ मलबे से दब गए हैं वहीं धारी ब्लॉक के पनियाली क्षेत्र में 7390 तथा गुनियालेख में 7650 पौधे तथा पदमपुरी में 2000 पौधे नष्ट हो गए हैं। चाय बागान श्यामखेत के अंतर्गत 1 हेक्टेयर जमीन पर लगे पौधे व तार बाड़ बरसाती गधेरे की भेंट चढ़ गए हैं। चाय विकास बोर्ड के प्रबंधक नवीन पांडे के अनुसार करीब एक करोड़ रुपये से ज्यादा की क्षति आपदा में हुई है जिसकी जानकारी एसडीएम को दे दी गई है।