= शिप्रा का रौद्र रूप देख सख्ते में आए किराएदार
= बच्चों को पढ़ाने के खातिर किराए में ले रखे थे कमरे
= अल्मोड़ा, रानीखेत, हल्द्वानी, नैनीताल को किया रुख

(((हरीश कुमार/मनीष कर्नाटक/पंकज नेगी की रिपोर्ट)))

18 व 19 अक्टूबर की रात मूसलाधार बारिश के बाद तबाही का मंजर देख गरमपानी खैरना क्षेत्र में किराए के मकानों में रह रहे किराएदार सख्ते में आ गए हैं। हालत यह है कि बाजार क्षेत्र से पचास फीसद लोगों ने किराए के मकान खाली कर दिए हैं। लोग दूरदराज के क्षेत्रो को रुख कर गए है।
मूसलाधार बारिश के बाद शिप्रा नदी में उठे जल प्रलय को देख हर कोई दहशत में आ गया। कई मकान जमीनदोंज हो गए तो कृषि भूमि को भी खासा नुकसान हुआ। नदी का रूप देख हर कोई भयभीत रहा। आसपास के गांवों से बच्चों की शिक्षा के लिए किराए के कमरे में रहकर जीवन यापन करने वाले लोग खासे भयभीत हो गए है। लोगों ने बारिश कम होने के बाद तत्काल कमरे बदल डाले हैं। लोग नैनीताल, भवाली, हल्द्वानी को रुख कर गए हैं। मकान मालिकों के अनुसार अब किराएदार रहने को तैयार ही नहीं है। ऐसे में आर्थिक नुकसान भी हुआ है। किराया मिलने से जीवन यापन भी हो रहा था पर शिप्रा से सब कुछ तबाह होने के बाद किरायेदारों के मकान खाली करने से अब दोतरफा मार पड़ी है।