= पंचायत घर, स्कूल व पड़ोसियों के घर में ली है शरण
= भूस्खलन व बरसाती गधेरो ने कर डाला सब कुछ तबाह
= प्रशासन उपलब्ध करा रहा राहत सामग्री

(((विरेन्द्र बिष्ट/फिरोज अहमद/सुनील मेहरा की रिपोर्ट)))

मूसलाधार बारिश के बाद उठे जल प्रलय ने सब कुछ तबाह कर डाला है। तहसील कोश्या कुटोली अंतर्गत तमाम गांवों के करीब 26 परिवार घर से बेघर हो चुके हैं। परिवारों ने पंचायत घर, स्कूल व पड़ोसियों के घर में शरण ली है। प्रशासनिक अधिकारियों के अनुसार प्रभावितों को राहत उपलब्ध कराने के प्रयास तेज कर दिए गए हैं।

18 व 19 अक्टूबर को लगातार मूसलाधार बारिश से उठे जल प्रलय में कई परिवारों को गहरे जख्म दे दिए हैं। जान बचाने के खातिर इधर-उधर भागे लोगों का सारा सामान बरसाती नाले व भूस्खलन की जद में आकर बर्बाद हो चुका है। घर के घर तबाह हो चुके हैं। तहसील कोश्या कुटोली के जाख,बारगल,धारी,उल्गोर, बेतालघाट आदि तमाम गांवों के करीब 26 परिवारों को फिलहाल प्राइमरी स्कूल, पंचायत घर व पड़ोसियों के घर में शरण दी गई है। प्रभावित परिवारों का सब कुछ बर्बाद हो चुका है। खेती-बाड़ी रोखड़ में तब्दील हो चुकी है। जिन खेतों में कभी फसल लहलहा रही थी। आज खेत मलबे से भरे पड़े हैं। स्कूल, पंचायत घर व पड़ोसियों के घर रह रहे आपदा प्रभावितों को प्रशासन राहत सामग्री उपलब्ध करा रहा है। जिलाधिकारी रविंद्र बिष्ट के अनुसार सभी आपदा प्रभावितों की लगातार मॉनिटरिंग की जा रही है वहीं राहत सामग्री पहुंचाने का कार्य भी तेज कर दिया गया।

सब कुछ बर्बाद हो चुका है। किराए के घर में रहकर आजीविका चला रहे थे। रात 18 अक्टूबर की रात करीब तीन बजे घर नदी में समा गया। कुछ भी नहीं बचा है। पड़ोसी के घर में शरण ली है।
सरस्वती देवी, आपदा
प्रभावित

अपना मकान था कई कमरे थे। रात शिप्रा नदी के वेग में पूरा मकान ध्वस्त हो गया। अब पड़ोसी के घर में रह रही हूं। ऐसा जल प्रलय जीवन में कभी नहीं देखा।
पुष्पा देवी, खैरना।