= लोहाली चमडिया मोटर मार्ग के ध्वस्त होने से गांवों में रसद का भी अकाल
= दो सौ से ज्यादा परिवार प्रभावित
= ग्रामीणों ने उठाई तत्काल व्यवस्था में सुधार की मांग
= प्रशासन ने किया जल्द रसद आपूर्ति का दवा
(((पंकज भट्ट/हरीश कुमार/पंकज नेगी की रिपोर्ट)))
बेतालघाट ब्लॉक के सब्जी व फल उत्पादक गांवो में बीते दिनों उठे जलप्रलय ने सब कुछ तबाह कर दिया। लोग घर से बेघर हो चुके हैं। नर्सरिया रोखड़ में तब्दील हो चुकी है। खेतों में मलबा भरा पड़ा है। मोटर मार्ग के ध्वस्त होने से गांव में राशन की भारी किल्लत हो गई है। करीब दो सौ से ज्यादा परिवार दाने-दाने को मोहताज हैं। स्थानीय ओमप्रकाश पांडे, महेंद्र राव, पंकज भट्ट, प्रेम सिंह रावत, गिरीश चंद, पूरन चंद, महेश चंद्र, राजन भट्ट, गोविंद, दिनेश भट्ट के अनुसार सब कुछ तबाह हो चुका है। एक हफ्ता बीत जाने के बावजूद राहत नहीं मिल सकी है। स्थानीय दान सिंह बिष्ट, रमेश जोशी, किशोर पांडे आदि लोगों के अनुसार गांव में खेती-बाड़ी को 90 फीसद नुकसान हुआ है। लोगों के घर भी मलबे से पटे पड़े हैं लोगों ने तत्काल गांवों में राहत उपलब्ध कराए जाने की मांग की है। इधर उप जिलाधिकारी रविंद्र बिष्ट के अनुसार गांवों में रसद आदि की आपूर्ति के लिए प्रयास तेज कर दिए गए हैं दावा किया है कि जल्द ही गांवों में व्यवस्था दुरुस्त की जाएगी।
गांवो में भी हालात बिगड़े
बेतालघाट के तमाम गांवों का संपर्क अल्मोड़ा हल्द्वानी हाईवे से कटा हुआ है। बजेडी गांव के 50 से ज्यादा वाशिंदे अभी भी परेशान है।गांव से मुख्य मार्ग तक की सड़क जगह-जगह मलबे से पटी पड़ी है। स्थानीय लोगों ने तत्काल मार्ग पर आवाजाही सुचारू किए जाने की मांग की है। वही रतौडा, नैनीचैक,बरधौ व आसपास के तमाम गांवों में भी संपर्क मार्ग ध्वस्त है।
बिजली, पानी, सिंचाई व्यवस्था सब चौपट
जल प्रलय ने गांवों के लोगों को गहरे जख्म दिए हैं। कई गांवो में जलापूर्ति ठप पड़ी है। जल संस्थान के अधिकारियों के अनुसार करीब 28 से ज्यादा योजनाएं प्रभावित हुई हैं। वहीं तमाम गांवो में विद्युत आपूर्ति भी ठप पड़ी हुई है। विद्युत विभाग के अधिकारी आपूर्ति सुचारु करने में जुटे हुए हैं पर विद्युत पोल धराशाई होने से आपूर्ति सुचारू करने में दिक्कतें हो रही हैं। उत्तरवाहिनी शिप्रा व कोसी नदी से बनी तमाम सिंचाई योजनाएं नदियों की भेंट चढ़ गई है।