= खेत रोखड़ में तब्दील, बह गए मवेशी, रास्ते टूटे, मकान ध्वस्त
= गांव के लोग पैदल नाप रहे आसपास के क्षेत्रों की दूरी, व्यवस्थाएं धडा़म
= पेयजल, विद्युत व्यवस्था अब भी ठप, हालात बदहाल
(((कुबेर सिंह जीना/हेमंत साह/संजय कुमार की रिपोर्ट)))
मूसलाधार बारिश बेतालघाट ब्लॉक के तमाम गांवों में आफत बनकर बरसी। जगह-जगह खूब तबाही मचाई। बारिश बंद होने के बाद अब तबाही के मंजर सामने आने लगे हैं। लोग परेशान हैं। रास्ते, मकान ध्वस्त हो चुके हैं। मवेशी मलबे में दफन है। लोगों की आजीविका पर संकट खड़ा हो गया है।
मूसलाधार बारिश ने गांव के लोगों को खासा प्रभावित किया है । गांव के लोग पहले ही संकट के दौर से गुजर रहे थे। खेती-बाड़ी चौपट हो चुकी थी। पहले कोरोना ने नुकसान पहुंचाया। अब मूसलाधार बारिश ने बची खुची कसर भी पूरी कर दी।
आवाजाही के रास्ते ध्वस्त हो चुके हैं। लोगों के मकानों में मलवा घुसा है। आय के साधन समाप्त हो चुके हैं। मवेशी मलबे में दफन है। मकान दरक चुके है।हर जगह तबाही का मंजर है। लोग पैदल ही कई किलोमीटर दूर जाकर रोजमर्रा की चीजें जुटा रहे हैं। हालात लगातार बिगड़े हैं। बिजली पानी की व्यवस्था चौपट है। नेटवर्किंग व्यवस्था भी ध्वस्त पड़ी है।