= लगातार उपेक्षा पर चढ़ गया आपदा प्रभावितों का पारा
= शासन प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी कर निकाला गुबार
= कई बार हुई प्रशासन के अधिकारियों से तीखी झड़प

(((टीम तीखी नजर की ग्रांउड जीरो रिपोर्ट)))

दो दिन बीतने के बावजूद व्यवस्थाओं में सुधार न होने पर आखिरकार खैरना क्षेत्र के आपदा प्रभावितों का पारा चढ़ गया। तहसील मुख्यालय में नारेबाजी कर गुबार निकाला। कहा कि बच्चे दूध, पानी के लिए तरस रहे हैं बावजूद प्रशासन चुप्पी साधे है। तहसील के मुख्य गेट पर ही धरना दे नारेबाजी की। बाद में एसडीम रविंद्र बिष्ट के समझाने पर बामुश्किल क्षेत्रवासी शांत हुए।

मूसलाधार बारिश के बाद क्षेत्र में करीब बीस से ज्यादा मकान उत्तरवाहिनी शिप्रा नदी की भेंट चढ़ गए। सेना, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ के कमान संभालने के बाद कुछ राहत जरूर मिली पर दो दिन मौसम सामान्य होने के बावजूद प्रशासन से राहत न मिलने पर क्षेत्रवासियों का पारा चढ़ गया। ग्राम प्रधान प्रेम नाथ गोस्वामी के नेतृत्व में क्षेत्र के लोग गुरुवार को तहसील मुख्यालय के गेट पर धरने पर बैठ गए। तहसीलदार बरखा जलाल से तीखी झड़प भी हुई। आरोप लगाया कि क्षेत्र में दूध ,पानी, बिजली की आपूर्ति ठप है। बच्चे दूध के लिए तरस रहे हैं। बावजूद प्रशासन व्यवस्था में नाकाम साबित हुआ है। अभी तक उच्च अधिकारियों ने क्षेत्र का दौरा तक नहीं किया है आपदा प्रभावितों को राशन के नाम पर ढेला तक वितरित नहीं किया गया। वार्ता को पहुंचे प्रशासनिक अधिकारियों से कई बार क्षेत्रवासियों की झड़प हुई। बाद में कोतवाल भवाली अशोक कुमार ने भी समझाने का काफी प्रयास किया पर ग्रामीण एसडीएम के पहुंचने की बात पर अड़ गए। कहा कि जब तक उप जिलाधिकारी मौके पर नहीं पहुंचते तब तक कोई बात नहीं सुनी जाएगी। तत्काल दूध, पानी, बिजली की व्यवस्था की जाए बाद में एसडीएम रविंद्र बिष्ट मौके पर पहुंचे क्षेत्रवासियों से वार्ता की। ग्राम प्रधान प्रेम नाथ गोस्वामी, जिला पंचायत सदस्य अंकित साह, पूरन लाल साह, हितेश साह, विनोद कांडपाल, दिनेश बिष्ट, वीरेंद्र बिष्ट, दलीप गोस्वामी, गजेंद्र नेगी, राकेश जलाल आदि लोग ने कहा कि मौसम के ठीक होने के बावजूद व्यवस्थाएं में सुधार नहीं हो सका है लोग बिजली-पानी दूध के लिए तक तरस गए हैं वहीं अभी भी कई मकान खतरे की जद में हैं। बाद में उप जिलाधिकारी रविंद्र बिष्ट ने सकारात्मक कार्रवाई का भरोसा दिलाया। कहा की प्राथमिकता के आधार पर समस्याओं का समाधान किया जाएगा तब जाकर आपदा प्रभावित व स्थानीय लोग शांत हुए। इस दौरान रोहित पिनारी, कैलाश शर्मा, गंगा पिनारी, भुवन पिनारी, नवीन सिंह, हेमा नेगी, कमला नेगी, मुन्नी देवी, सुरेंद्र सिंह, गणेश दत्त, अनिल सिंह, राजेंद्र सिंह, हरक सिंह,नरेन्द्र सिंह आदि मौजूद रहे।