= सड़कों का पानी लोगों के घरों में घुसा बिगड़ते चले गए हालात
= शिप्रा के रौद्र वेग ने कुछ घंटे में ही बदल दी स्थिति
= शिप्रा में समा गया रोटी, कपड़ा और मकान
= बेतालघाट क्षेत्र के मल्ली सेठी में बुजुर्ग महिला को रेस्क्यू कर नदी के बीचो-बीच से निकाला गया बाहर
(((टीम तीखी नजर की रिपोर्ट)))
आखिरकार बाजार क्षेत्रों में ध्वस्त ड्रेनेज सिस्टम से हालात बिगड़ गए। सड़कों का पानी लोगों के घर तक पहुंच गया पानी के साथ कीचड़ व मलवा घरों में घुसने से हालात बिगड़ते चले गए वहीं शिप्रा नदी में ठोस बाढ़ सुरक्षा कार्य ना होने से कुछ ही घंटों में शिप्रा ने लोगों की जीवन भर की मेहनत पर पानी फेर दिया। हालात ऐसे बिगड़े की महज तीन घंटे में ही कई मकान जमींदोज हो गए। लोग सब कुछ छोड़ परिवार संग घर से जान बचाने के लिए बाहर निकल आए और आंखों के सामने अपने भवनों को नदी में समाते देखा।
मूसलाधार बारिश ने खूब कहर बरपाया। उत्तरवाहिनी शिप्रा के वेग ने 3 घंटे में ही सब कुछ पलट कर रख दिया। क्षेत्र में लोगों की जीवन भर मेहनत कर बनाए गए भवन कुछ क्षणों में जमीनदोंज गए। हमेशा से बाजार क्षेत्र में बरसाती नाली खोले जाने की मांग उठती रही पर हमेशा अनदेखी कर दी गई। जिसका खामियाजा क्षेत्रवासियों को उठाना पड़ा। कुछ ही देर में घरों में मलवा पानी के संग बरसाती पानी के साथ मलवा घुस गया वहीं शिप्रा नदी में बाढ़ सुरक्षा के ठोस इंतजाम ना होने पर नदी ने खूब तबाही मचाई। कुछ घंटे में ही लोग घर से बेघर हो गए। सब कुछ छोड़ घर से सुरक्षित स्थानों पर जाना मजबूरी बना। बेतालघाट के मल्ली सेठी क्षेत्र में बुजुर्ग महिला को रेस्क्यू चला पुलिस टीम ने सुरक्षित बाहर निकाला।